सुप्रीम कोर्ट के 9 जजों की बेंच ने कहा कि राइट टू प्राइवेसी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत आता है।
सर्वोच्च अदालत में दायर याचिका में कहा गया है कि अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर के लिये एक अस्थाई व्यवस्था थी और इसे अब खत्म किया जाना चाहिये।