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World Physical Therapy Day 2022: विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के मौके पर जानें किस तरह फिजियोथेरेपी से ठीक हो जाती हैं बीमारियां

कई तरह के बीमारियों को ठीक करने में फिजियोथेरेपिस्ट का अहम रोल है। विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस के मौके पर डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट में पढ़े कैसे फिजियोथेरेपी से ठीक हो जाती हैं बीमारियां
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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World Physical Therapy Day 2022: विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के मौके पर जानें किस तरह फिजियोथेरेपी से ठीक हो जाती हैं बीमारियां

नई दिल्ली: विश्व फिजियोथेरेपी दिवस हर साल 8 सितंबर को मनाया जाता है। फिजियोथेरेपी दिवस लोगों को शारीरिक तौर पर अच्छी तरह से रखने में महत्तपूर्ण भूमिका निभाता है। 

क्यों मनाया जाता है विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस

कई तरह के बीमारियों को ठीक करने में फिजियोथेरेपिस्ट का अहम रोल है। फिजियोथेरेपी और फिजियोथेरेपिस्ट की इसी महत्वपूर्ण भूमिका का सम्मान करते हुए हर साल 8 सितंबर को विश्व भौतिक चिकित्सा दिवस (World Physical Therapy Day) मनाया जाता है। 

वर्ल्ड फिजिकल थेरेपी डे का उद्देश्य फिजिकल थेरेपी के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन फिजियोथेरेपिस्टों द्वारा किए गए प्रयासों और समाज में उनके योगदान के लिए उनकी सराहना की जाती है।

खुद को ठीक करने में करता है मदद 

फिजियोथेरेपी मुख्य तौर पर चोट और हड्डियों व टिश्यू के दर्द को कम करता है। साक्ष्य आधारित, प्राकृतिक तरीकों जैसे व्यायाम, अनुकूलित उपकरण, शिक्षा, प्रेरणा और वकालत के उपयोग के माध्यम से, फिजियोथेरेपी बीमारी या चोट में पुनर्वास और सुधार करता है। फिजियोथेरेपिस्ट आपको अपनी खुद की सेहत ठीक करने में मदद करता है।

फिजियोथेरेपी में क्या होता है ? 

फिजियोथेरेपी एक पेशेवर तौर पर किया जाता है। जो निम्न समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता है।क्यों दी जाती है फिजियोथेरेपी?

1. किसी तरह का चोट व शारीरिक अक्षमता से सुरक्षा करना।

2. चोट व पुरानी बीमारी को ठीक करना।

3. शारीरिक गतिविधि में सुधार लाना।

4. चोट के बारे जागरूक करना।

5. तीव्र और दर्द से बचाव करना।

6. इसके अलावा विशेषयज्ञ मरीजों को विस्तार से सलाह देते है। यह थेरेपी मरीज के चोट और बीमारी को समाप्त करने के लिए होता है। कई तरह की चोट को देखने के लिए कुछ उपकरण की सहायता लेते है।

7. कुछ सामान्य तकनीक भी शामिल है। जैसे; हाथो से थेरेपी देना यानि जोड़ो में अकड़न और मांसपेशियो में ऐठन को दूर करता है।

8. फंक्शनल टेस्टिंग की सहायता से मरीज का आकलन किया जाता है।

9. मरीजों का शरीर का सही से बदलाव करने के लिए यह प्रक्रिया करवाया जाता है।

10. डिवाइस प्रोविसिओं की मदद से सुरक्षा व सहायता करना होता है।

11. इलेक्ट्रिकल नर्व स्टिमुलेशन को कम मात्रा में करंट को अंग को छोड़ा जाता है। यह संकेतो को दबाने में सहायता करता है।

12. थेरेपी करते समय मरीज को दर्द का सामना करना पड़ता है। इसके लिए दर्द निवारक कुछ दवाई देते है।

13. शरीर में सूजन आ जाता है। यह सामान्य होता है क्योंकि यह अस्थि-मज्जा के सम्बन्ध को खिचाव करता है। इसके अलावा कोई गंभीर नुकसान नहीं है।

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