महिला आरक्षण विधेयक दुनियाभर में महिलाओं को प्रेरित करेगा : बीआरएस नेता के कविता

डीएन ब्यूरो

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक दुनियाभर में महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में आने के लिए प्रेरित करेगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बीआरएस नेता के कविता
बीआरएस नेता के कविता


 

लंदन:  भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के कविता ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक दुनियाभर में महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में आने के लिए प्रेरित करेगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक लंदन में थिंकटैंक ‘ब्रिज इंडिया’ की ओर से शुक्रवार रात आयोजित एक कार्यक्रम में तेलंगाना विधान परिषद में बीआरएस सदस्य (एमएलसी) कविता ने लोगों को संबोधित किया।

तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता का समुदाय के लोगों ने प्रसन्नापूर्वक स्वागत किया। कविता ने अपने राज्य में हुई प्रगति का जिक्र किया, जो राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व में अग्रणी है।

कविता ने अपनी लंदन यात्रा के संबंध में पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘हम दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं, जहां कम से कम 70 करोड़ महिलाएं हैं। अगर हमारे देश की महिलाओं के लिए कोई सकारात्मक बदलाव आया है, तो मेरा मानना है कि दुनिया को जानना चाहिए, क्योंकि यह और अधिक महिलाओं को सार्वजनिक जीवन में आने और नीति निर्माण का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करेगा। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि यह विधेयक हमारे देश की महिलाओं को ऐसा बनाने में सक्षम साबित होगा और भारत की प्रगति में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित करेगा।’’

भारत में राजनीतिक दलों में महिलाओं को मजबूत प्रतिनिधित्व दिए जाने के बारे में पूछने पर 45 वर्षीय कविता ने कहा कि पार्टियों ने परंपरागत रूप से इस मामले में तेजी नहीं दिखाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं महिला आरक्षण विधेयक कहती हूं, तो यह केवल 181 महिलाओं को सांसद बनाने के बारे में नहीं है, बल्कि यह अरबों महिलाओं के बारे में है। जब हम महिलाओं के बारे में बात करते हैं, तो देश मायने नहीं रखते, कोई सीमा नहीं होती।’’

इससे पहले, शुक्रवार को कविता ने उत्तरी लंदन में आंबेडकर संग्रहालय का दौरा किया था।

लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के प्रावधान वाले महिला आरक्षण विधेयक को 21 सितंबर को संसद की मंजूरी मिल गई थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 28 सितंबर को इस विधेयक पर हस्ताक्षर कर दिए थे।

 










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