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Mahakumbh 2025: जानिये अघोरियों के रहस्यमयी जीवन से जुड़ी ये दिलचस्प बातें

आस्था के समागम महाकुंभ में देश और दुनिया से साधु-संत बड़ी संख्या में हिस्सा लेने आ रहे हैं। तमाम अखाड़ों के महामंडलेश्वर और अघोरी साधु भी कुंभ में हिस्सा ले रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये अघोरियों के रहस्यमयी जीवन के बारे में
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Mahakumbh 2025: जानिये अघोरियों के रहस्यमयी जीवन से जुड़ी ये दिलचस्प बातें

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) में शाही स्नान और साधु-संत हमेशा से आकर्षण के केंद्र रहे हैं। सनातन धर्म का प्रसिद्ध महाकुंभ पर्व कल यानी सोमवार से से शुरू होने जा रहा है। इसके लिए प्रयागराज में साधु और संतो का तांता लगा हुआ है। यहां बड़ी संख्या में अघोरी साधु भी पहुंच चुके हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ आपको इस रिपोर्ट में बता रहा है अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया के बारे में।

अघोरियों का जीवन

आस्था के समागम में देश-दुनिया से साधु-संत हिस्सा लेने आ रहे हैं। तमाम अखाड़ों के संतों के अलावा महामंडलेश्वर और अघोरी साधु भी कुंभ का हिस्सा होंगे। अघोरी साधुओं की रहस्यमयी दुनिया को लेकर कई तरह के मिथक और भ्रांतियां लोगों के बीच हैं। साथ ही आम धारणा के मुताबिक लोग अघोरी साधुओं को तांत्रिक समझ बैठते हैं और कई बार तो इनके पास आने से डरते हैं। 

कौन होते हैं अघोरी?

दरअसल, अघोरी शब्द संस्कृत के अघोर से निकला है, जिसका मतलब है कि जो निर्भय हो। मूल रूप से अघोरी शिव के पूजक माने जाते हैं और मुख्य रूप से कपालिका परंपरा को मानने वाले होते हैं, इसी वजह से हमेशा कपाल यानी नरमुंड इनके साथ रहता है।

नरमुंड माला

अघोरी साधु शिव के अलावा शक्ति के रूप काली के उपासक माने जाते हैं। इसी वजह से वह अपने शरीर पर राख लपेटे रहते हैं, रुद्राक्ष की माला और नरमुंड भी इनकी वेशभूषा का हिस्सा होते हैं।

भगवान शिव की साधना में लीन

अघोरी साधु भगवान शिव के मार्ग पर ही चलते हैं और उन्हीं की साधना में लीन रहते हैं। वे शिव को सर्वज्ञ, सर्वव्यापी और सर्वशक्तिमान मानते हैं। अघोरी अपने सभी मोह माया को त्याग कर खुद को भोनेनाथ की शरण में ढ़ाल लेते हैं। इसलिए जन्म-मृत्यु के भय से परे माने जाते हैं और इसी वजह से ये श्मशान में रहने से भी बिल्कुल नहीं डरते। यही नहीं, कई बार तो मुर्दों के साथ रात गुजारने से लेकर चिता का मांस खाने से भी परहेज नहीं करते। चिता से अधजला मांस खाने को भी वह अपनी परंपरा का हिस्सा मानते हैं। मान्यता है कि अगर ऐसा करने में उन्हें डर न लगे, घृणा न हो तो वे अपनी साधना में पक्के हो रहे हैं।

नागा साधुओं से अलग है जीवन

आमतौर पर नागा साधुओं के बारें में काफी कुछ बताया गया है और वह आमतौर अनोखे से लगते हैं। लेकिन अघोरियों का जीवन अबतक रहस्य है और लोगों को इनके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उन्हें लेकर लोगों के मन में एक प्रकार का डर है लेकिन वह डर अघोरियों को जानकर ही दूर हो सकता है। उनके जीवन का एक मंत्र है कि आप अपना काम करिए और हमें अपने मोक्ष मार्ग पर चलने दीजिए।

क्या कहते हैं अघोरी साधु

अघोरियों का कहना है कि वह आम इंसान ही हैं, लेकिन उनके जीवन का लक्ष्य हमसे अलग है। उनकी पूजा-पद्धति और लाइफस्टाइल (Lifestyle) हमसे अलग है।

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