केरल में कांग्रेस के मार्च में हिंसा, पुलिस ने छोड़ीं पानी की बौछारें
केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को यहां केरल पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर कूच किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ीं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
तिरुवनंतपुरम: केरल में विपक्षी दल कांग्रेस ने शनिवार को यहां केरल पुलिस महानिदेशक कार्यालय की ओर कूच किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ीं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार यह मार्च केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) ने वाम सरकार के लोगों तक पहुंचने के कार्यक्रम ‘नव केरल सदास’ के खिलाफ आंदोलन के दौरान अपने कार्यकर्ताओं पर पुलिस के कथित अत्याचार के विरोध में आयोजित किया था।
जिस वक्त पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारें छोड़ीं उस वक्त केपीसीसी प्रमुख के. सुधाकरन, विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन, वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला, तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर सहित वरिष्ठ नेता डीजीपी कार्यालय के पास अस्थायी मंच पर मौजूद थे।
सुधाकरन और चेन्निथला आंसू गैस के गोलों से प्रभावित हुए जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें पास खड़ी एक कार तक पहुंचाया।
दोनों नेताओं को उपचार के लिए पास के अस्पताल ले जाया गया है।
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सुधाकरन ने अस्पताल में मीडिया से बातचीत में पार्टी नेताओं पर हमले को ‘‘अप्रत्याशित’’ करार दिया।
उन्होंने कहा,‘‘ हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस के बीच मौजूद गुंडों ने बिना किसी उकसावे के हमला किया। उस दौरान वरिष्ठ नेता मौजूद थे।’’
सतीशन ने पुलिस की आलोचना करते हुए कहा कि नेताओं पर इस प्रकार का ‘‘हमला’’ केरल के इतिहास में पहली बार हुआ है।
कांग्रेस नेता थरूर ने कहा कि आंसू गैस का गोला मंच के ठीक पीछे फटा जहां कम से कम छह सांसद और पार्टी के कई विधायक मौजूद थे।
थरूर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पर यह ‘‘सोचा-समझा’’ हमला था।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि किसके निर्देश पर पार्टी नेताओं पर हमला किया गया। हमें इस देश में विरोध करने का अधिकार है। निर्वाचित प्रतिनिधियों पर इस हमले के खिलाफ सांसद और विधायक संबंधित विशेषाधिकार समितियों के पास जाएंगे।’’
चेन्निथला ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी कारण हमला किया और नेताओं ने सांस लेने में दिक्कत होने की शिकायत की।
सुधाकरन ने जैसे ही अपना भाषण समाप्त किया, पार्टी सदस्य डीजीपी कार्यालय के पास लगाए गए अवरोधकों पर चढ़ने लगे और उन्होंने सुरक्षा घेरे को पार करने का प्रयास किया।
सतीशन के संबोधन के दौरान पानी की बौछारें छोड़ी गईं। इसके बाद अफरा-तफरी के माहौल में सभा समाप्त हो गई।