पिछले साल सितंबर में ली गई सिविल सेवा परीक्षा-2019 के परिणाम आज घोषित कर दिये गये हैं। प्रदीप सिंह इस बार पूरे देश में आईएएस परीक्षा के 26वें स्थान पर रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये प्रदीप सिंह के बारे में

नई दिल्ली: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा पिछले साल सितंबर में ली गई सिविस सेवा परीक्षा का परिणाम आज घोषित कर दिया गया है। इस परीक्षा में अंतिम रूप से कुल 829 उम्मीदवार सफल हुए हैं। प्रदीप सिंह इस बार पूरे देश में सिविल सेवा परीक्षा (आईएएस) के 26वें स्थान पर रहे हैं, जो हरियाणा के रहने वाले हैं। लेकिन इस प्रतिष्ठित परीक्षा को पास कर 26वीं रैंक हासिल करने वाले का नाम भी प्रदीप सिंह है, जो मूल रूप से बिहार के रहने वाले। इन्होंने लगातार दूसरी बार यह परीक्षा पास की है। डाइनामाइट न्यूज की इस खास रिपोर्ट से जानिये 26वीं रैंक प्राप्त करने वाले प्रदीप सिंह के बारे में..
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मूल रूप से बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं प्रदीप सिंह का परिवार वर्तमान में मध्य प्रदेश के इंदौर में रहता है। प्रदीप जब 5 साल के थे तभी उनका परिवार बिहार से जाकर इंदौर बस गया था। उनके पिता की नौकरी की तलाश उन्हें इंदौर लेकर आयी।
पहले प्रदीप सिंह के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी। पिता मनोज पेट्रोल पम्प पर काम करते थे और मां एक हाउस वाइफ है। प्रदीप के एक भाई निजी कम्पनी में काम करते हैं।
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आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि प्रदीप के दादा ने अंतिम इच्छा जताई थी कि उनका पोता आईएएस बने और अब प्रदीप ने अपने दादा के उस सपने को पूरा कर दिखाया है।
प्रदीप ने पिछले साल भी यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। तब अपने पहले ही प्रयास में प्रदीप ने सिविल सेवा परीक्षा में 93वां स्थान हासिल किया था। वह तब महज 22 की उम्र में आईएएस अफसर बन गये थे। वर्तमान समय में प्रदीप भारतीय राजस्व सेवा (IRS) में बतौर असिस्टेंट कमिश्नर कार्यरत हैं।
पहले प्रयास में 93वीं रैंक प्राप्त करने के बावजूद भी प्रदीप का सपना इस प्रतिष्ठित परीक्षा में टॉप रैंक हासिल करना था, जिसके लिये उन्होंने फिर एक बार अपना भाग्य आजमाया और इस बार उन्होंने 26वीं रैंक प्राप्त की।
प्रदीप ने इंदौर में ही अपनी स्कूल-कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। प्रदीप यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली आना चाहते थे लेकिन उनकी राह में उनकी कमजोर आर्थिक स्थिति तब बड़ी बाधक बनी। बेटे के सपनों को पूरा करने और उसे आईएएस अफसर बनाने के लिये तब उनके पिता ने अपना घर बेचकर दिल्ली में प्रदीप की कोचिंग करवाई।
प्रदीप ने आज जो सफलता हासिल की है, वह सभी युवाओं को प्रेरित करने वाली है। बहुमुखी प्रतिभा के धनी प्रदीप की सफलता ने बता दिया कि यदि इरादे मजबूत हो तो कोई भी परिस्थितियां सफलता की राह में बाधा नहीं बन सकती है।