लखनऊ में फर्जी कॉल सेंटर चलाकर काला धंधा करने वाले गैंग का UP STF ने किया भंडाफोड़, चार गिरफ्तार, जानिये पूरा कारनामा

यूपी की राजधानी लखनऊ में कुछ शातिरों ने फर्जी कॉल सेंटर खोला और नौकरी के नाम पर युवाओं और बेरोजगारों को लूटने लगा। यूपी एसटीएफ ने छापेमारी कर इस गैंग का पर्दाफाश किया और चार शातिरों को गिरफ्तार किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 September 2023, 3:26 PM IST
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एसटीएफ) ने मंगलवार को लखनऊ के इन्दिरानगर में फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। इस कॉल सेंटर के जरिये शातिरों द्वारा शिक्षित युवाओं और बेरोजगारों को नौकरी का झांसा दिया जाता था। शातिरों के जाले में फंसने वाले युवाओं से धनउगाही की जाती थी। एसटीएफ ने इस गैंग का पर्दाफाश कर गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया। गिरफ्तार अभियुक्त तीव वर्षों से ये काला कारनामा कर रहे थे। 

गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किये गये चारों अभियुक्त यूपी के अलग-अलग जनपदों के रहने वाले हैं और हाल के दिनों में ये सभी लखनऊ में अलग-अलग स्थानों पर रह रहे थे। अभियुक्तों की पहचान मीरजापुर निवासी राजन श्रीवास्तव, गोरखपुर निवासी राकेश शर्मा, प्रतापगढ़ के सुरेन्द्र प्रताप सिंह और हरदोई के सुमेन्द्र तिवारी के रूप में की गई।

एसटीएफ की गिरफ्त में चारों अभियुक्त

सभी अभियुक्तों को ओम प्लाजा फ्लैट नंबर 305 सेक्टर-19 इन्दिरानगर लखनऊ से मंगलवार सुबह 3 बजे छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया। 

70 मोबाइल फोन समेत कई चीजें बरामद
अभियुक्तों के कब्जे से 3 लैपटाप, 70 मोबाइल फोन, विभिन्न कम्पनियों के 97 अद्द कार्ड, 9 एटीएम कार्ड, 13 चेकबुक, कई डाटा शीट, एटीएम स्वैपिंग मशीन समेत कई अन्य उपकरण और दस्तावेज बरामद किये गये।  

एसटीएफ के लगातार मिल रही थी शिकायत
एसटीएफ को काफी दिनों से फर्जी कॉल सेन्टर के माध्यम से बेरोजगार शिक्षित नवयुवकों से नौकरी के नाम पर धनउगाही करने वाले संगठित गिरोह के सम्बन्ध में सूचना प्राप्त हो रही थी। इस गिरोह के पर्दाफाश और उचित कार्रवाई के लिए धर्मेश कुमार शाही, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलित की जा रही थी।

मुखबिर की सूचना आई काम
इस बीच एसटीएफ को एक मुखबिर के माध्यम से कुछ लोगों के द्वारा फर्जी कॉल सेंटर के संचालन की जानकारी मिली। मुखबिर ने बताया कि इस कॉल सेन्टर से बेरोजगारों व नवयुवकों को नौकरी के नाम पर गुमराह कर धनउगाही का काम किया जा रहा है।

गिरफ्तार करने वाली एसटीएफ की टीम
मुखबिर की सूचना पर निरीक्षक राघवेन्द्र सिंह के नेतृत्व में उनकी टीम, जिसमें अतुल चतुर्वेदी, प्रदीप सिंह, नीरज पाण्डेय, सुशील सिंह, रामनिवास शुक्ला, राजीव कुमार, अमित त्रिपाठी, अमर श्रीवास्तव बताये गये स्थान पर पहुंचे। एसटीएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर जरूरी घेराबन्दी करते हुये चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।

अभियुक्तों ने पूछताछ में किया ये खुलासा
गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि उन सभी की मुलाकत नोएडा में नौकरी करने के दौरान हुई थी। तीन वर्षों से वे इस गोरखधंधे में जुटे हैं। वे एक साथ फर्जी व कूटरचित नाम पतों पर प्री एक्टिवेटेड मोबाइल सिम कार्ड भारी मात्रा में खरीदते है और इन्टरनेट पर अलग-अलग तरीकों से शिक्षित बेरोजगार नवयुवकों का डाटा डाउनलोड कर उन्हे फोन कॉल करके फर्जी नौकरीयों के नाम पर धन उगाही करने का काम करते हैं।

आगे की कार्रवाई जारी
गिरफ्तार अभियुक्तों के खिलाफ संबंधित धाराओं के साथ 66 आईटी एक्ट के तहत थाना गाजीपुर, जनपद लखनऊ में मुकदमा दाखिल किया गया है। अभियुक्तों के खिलाफ स्थानीय पुलिस द्वारा आगे की कार्रवाई जारी है।

 

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