कानपुर हत्याकांड: यूपी के इंटेलिजेंस विभाग की नाकामी एक बार फिर उजागर
जब-जब यूपी में दिल दहला देने वाली वारदातें होती हैं तो उसकी नाकामी की एक रास्ता खुफिय़ा विभाग की तरफ जाता है। जिले-जिले में फैले अभिसूचना विभाग (एलआईयू) की पोल सबके सामने है। हैरान करने वाली बात ये है कि कभी भी किसी जिम्मेदार पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती जिससे ये बेखौफ रहते हैं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
लखनऊ/कानपुर: उत्तर प्रदेश का खुफिया तंत्र पूरी तरह लापरवाह है। क्या कारण है कि इतने बड़े कुख्यात अपराधी के किसी इरादे, जमावड़े की कोई भनक एलआईयू को नहीं थी।
आम चर्चा है कि जिलों में फैली अभिसूचना इकाई मेहनत की रोटी खाने की बजाय जिले के कप्तान की मुंह देखी रिपोर्ट बनाने और देने में यकीन रखती है, मतलब यदि किसी जिले का कप्तान नाकारा है तो फिर जिले में कुछ भी हो ऊपर एलआईयू कोई गोपनीय रिपोर्ट लखनऊ तक नहीं भेजेगी कि कहीं कप्तान नाराज न हो जायें, ऐसे में सवाल ये कि लखनऊ में बैठे अफसर क्या करते हैं?