किसान और पुलिस आमने-सामने, प्रतिनिधिमंडल से मिलेंगे गृह मंत्री राजनाथ सिंह
अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भाकियू की रैली में शामिल हुए किसानों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर पुलिस ने रोक दिया है। गुस्साए किसानों ने यहां पर बैरीकेडिंग को हटाने की भी कोशिश की है। अपनी आवाज को बुलंद कर रहे किसानों का कहना है कि वह शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रख रहे हैं जबकि पुलिस उनके साथ बुरा बर्ताव कर रही है। डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
नई दिल्लीः अपनी विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के हजारों कर्यकर्ता मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड की हरिद्वार से यूपी-दिल्ली के बॉर्डर तक पहुंचे किसानों को यहां पर रोक दिया गया है। पुलिस प्रशासन ने अनहोनी की आशंका व उपद्रव की स्थिति की आशंका के मद्देनजर सोमवार को पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में एक सप्ताह के लिए निषेधाज्ञा लागू कर दी थी।
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यहां पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूर्वी दिल्ली में पुलिस उपायुक्त (पूर्व) पंकज सिंह ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किए यह यह धारा आठ अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा। जिन जगहों पर धारा 144 लागू की गई है इसके अंतर्गत प्रीत विहार, जगतपुरी, शकरपुर, मधु विहार, गाजीपुर, मयूर विहार, मंडावली, पांडव नगर, कल्याणपुरी समेत न्यू अशोक नगर पुलिस थाना क्षेत्र शामिल है।
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कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए दिल्ली पुलिस, यूपी पुलिस के संपर्क में है। बता दें कि किसानों की मांगों को देखते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रदेश से दो प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए भेजा है।
बताया जा रहा है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह भी दोपहर तक किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर सकते हैं। किसानों का कहना है कि वह शांतीपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठा रहे हैं। लेकिन जिस तरह से उनकी इस रैली में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है उससे उन्हें ऐसे लग रहा है जैसे कि वो कोई उप्रदवी हो।