दो भारतीय ट्रक चालकों ने अपने विदेशी नियोक्ता को मानवाधिकार आयोग में घसीटा, जानिये एक टिप्पणी से जुड़ा पूरा मामला
दो सिख ट्रक चालकों ने नस्लवादी टिप्पणी करने को लेकर प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर अपने पूर्व नियोक्ता के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करायी है।
मेलबर्न: न्यूजीलैंड में दो सिख ट्रक चालकों ने नस्लवादी टिप्पणी करने को लेकर प्रबंधक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने पर अपने पूर्व नियोक्ता के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करायी है।
आरोप है कि प्रबंधक ने सभी सिखों को ‘‘आतंकवादी’’ करार दिया था। मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई।
खबर के मुताबिक, ‘सदर्न डिस्ट्रिक्ट्स टोइंग’ के पूर्व कर्मचारियों रमिंदर सिंह और सुमित नंदपुरी ने पिछले साल एक प्रबंधक द्वारा कथित नस्लीय दुर्व्यवहार के संबंध में उनकी शिकायतों के बाद कंपनी के मालिक पाम वॉटसन द्वारा उचित व्यवहार नहीं किए जाने के बाद इस्तीफा दे दिया।
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नस्लीय दुर्व्यवहार के बाद दोनों सिखों ने वॉटसन से शिकायत की और जब उन्हें लगा कि उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया गया है तो नौकरी से इस्तीफा दे दिया।
बृहस्पतिवार को आई खबर के मुताबिक, नौकरी छोड़ने के बाद भी नियोक्ता की ओर से कोई माफी नहीं मांगी गई और इसके बजाय सिख चालकों से सवाल किया गया कि क्या उन्होंने ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के निधन का जश्न मनाया था।
रमिंदर सिंह और सुमित नंदपुरी ने अब नस्लीय दुर्व्यवहार के खिलाफ मानवाधिकार आयोग में शिकायत दी है।
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करीब ढाई साल तक कंपनी के लिए काम करने वाले सिंह ने कहा कि दोनों व्यक्ति न्यूजीलैंड के नागरिक हैं और उनका साफ सुथरा रिकार्ड है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपराधियों जैसा महसूस कराया गया।
सुप्रीम सिख सोसाइटी के दलजीत सिंह ने आयोग में इन दोनों का प्रतिनिधित्व किया और कहा कि यह मामला बहुत परेशान करने वाला है।
उन्होंने कहा,‘‘ हमें इससे बहुत सदमा लगा है कि न्यूजीलैंड में कोई ये कहे कि सिख आतंकवादी हैं । ’’