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Makumbh 2025: POK का होगा भारत में विलय, जानिये महाकुंभ में इस खास महापूजा और महायज्ञ के बारे में

महाकुंभ में इस बार खास तरह के हनुमत यज्ञ का भी आयोजन किया जायेगा। इस यज्ञ में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को भारत में वापस लाने के लिए विशेष पूजा होगी। डाइनामाइट न्यूज़ की इस रिपोर्ट में जानिये इस यज्ञ का महत्व
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Makumbh 2025: POK का होगा भारत में विलय, जानिये महाकुंभ में इस खास महापूजा और महायज्ञ के बारे में

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh 2025) का काउंटडाउन शुरू हो गया है। कल सोमवार से प्रसिद्ध महाकुंभ पर्व की शुरुआत होने जा रही है। महाकुंभ पर्व को लेकर लोगों में काफी उत्साह है। महाकुंभ पर्व में लोग अपने परिवार के सुख समृद्धि के साथ-साथ ही देश की तरक्की और एक-दूसरे के लिये दुआ व आशीर्वाद भी मांगेंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इस बार महाकुंभ में खास तरह के हनुमत यज्ञ का भी आयोजन किया जायेगा है। इस यज्ञ में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी पीओके को भारत में वापस लाने के लिए हवन किया जाएगा।

महाकुंभ में होगी महापूजा

महाकुंभ मेले में इस बार 251 कुंडीय का हवन कुंड (Havan Kund) बनाया गया है। इस कुंड में पूरे एक महीने तक देश के कौने-कौने से आए श्रद्धालु संगम में स्नान करने के बाद सामूहिक हवन में शामिल हो सकेंगे और मोक्ष प्राप्ति के लिए वरदान मांगेंगे।

इसके साथ ही पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में वापस लाने के लिए भी 251 हवन कुंड पर यज्ञ और पूजा की जायेगी।

POK को लाने के लिए होगा हवन

हवन कुंड से जुड़े मेवाराम ने बताया कि महाकुंभ के अवसर पर हां 14 जनवरी से 12 फरवरी तक 1 महीने तक कार्यक्रम चलेगा, जिसमें हजारों यजमान शामिल होंगे और 300 से अधिक ब्राह्मण उपस्थित रहेंगे। प्रत्येक कुंड पर अपनी पत्नी के साथ यजमान बैठेंगे। चारों वेदों का पाठ भी किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि यहां बाल्मीकि रामायण पाठ, अध्यात्म रामायण पाठ, रामचरितमानस पाठ, हनुमत गायत्री का जाप होगा। यह श्री हनुमान महायज्ञ है।

बता दें, जगतगुरु श्री रामभद्राचार्य का एक संकल्प है कि पाक अधिकृत जो कश्मीर है ,उसको वापस प्राप्त करने के लिए यह यज्ञ हो रहा है। 15 जनवरी को कलश यात्रा के साथ यह हनुमत यज्ञ शुरू होगा।

सात मार्गों पर सुरक्षा कवच 

वहीं महाकुंभ को लेकर अभेद सुरक्षा कवच बनाया गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए व्यवस्था चाक चौबंद की गई है। प्रयागराज को जोड़ने वाले सात मार्गों पर सुरक्षा कवच बनाया गया है।

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