अटलांटिक में परिसंचरण पतन का खतरा, यूरोप में जलवायु उथल-पुथल मच सकती है,पढ़ें पूरी रिपोर्ट

डीएन ब्यूरो

उत्तरी गोलार्ध में घातक गर्मी पड़ने की खबरें सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर जलवायु आपदा की आशंका पैदा हो गई है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

साउथम्पटन विश्वविद्यालय
साउथम्पटन विश्वविद्यालय


ओस्लो: उत्तरी गोलार्ध में घातक गर्मी पड़ने की खबरें सामने आने के बाद बड़े पैमाने पर जलवायु आपदा की आशंका पैदा हो गई है।

‘नेचर कम्युनिकेशन’ पत्रिका में प्रकाशित नये निष्कर्षों से पता चलता है कि जलवायु प्रणाली अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण (एमॉक) अगले कुछ दशकों में विघटित हो सकता है, जिससे यूरोपीय मौसम अधिक प्रचंड रूप धारण कर सकता है।

‘एमॉक’ अटलांटिक में धाराओं की एक प्रणाली है जो गर्म पानी को उत्तर की ओर लाती है जहां यह ठंडा होकर बह जाता है। यह एक प्रमुख कारण है कि यूरोप की जलवायु हजारों वर्षों से स्थिर है।

इन नवीनतम अनुमानों में बहुत अनिश्चितता है और कुछ वैज्ञानिक इस बात को लेकर ज्यादा आश्वस्त नहीं हैं कि एमॉक प्रणाली विघटित होने वाली है। एमॉक वृहद गल्फ स्ट्रीम प्रणाली का एक हिस्सा भी है।

गल्फ स्ट्रीम प्रणाली व्यापक रूप से हवाओं पर निर्भर करती है। ऐसे में एमॉक अगर विघटित हो भी जाए, तो ये हवाएं चलती रहेंगी। लिहाजा एमॉक के विघटित होने पर भी गल्फ स्ट्रीम प्रणाली प्रभावी बनी रहेगी।

लेकिन मैंने दशकों से अटलांटिक धाराओं और जलवायु के बीच संबंधों का अध्ययन किया है, और जानता हूं कि एमॉक का पतन अब भी पूरे यूरोप तथा उसके बाहर और भी अधिक जलवायु उथल-पुथल की आशंका को बढ़ायेगा। यह एक ऐसा खतरा है, जिससे कम से कम हमें अवगत तो होना ही चाहिए।

यह समझने के लिए कि एमॉक पूर्वोत्तर अटलांटिक में जलवायु को कितना प्रभावित करता है, इस बात पर विचार करें कि उत्तर यूरोप में लोग इसी तरह के अक्षांशों में रहने वाले लोगों की तुलना में कितनी गर्मी महसूस करते हैं।

निम्नलिखित तथ्य यह बताते हैं कि प्रत्येक अक्षांश पर सतह का तापमान औसत से कैसे भिन्न होता है। ये ग्रह के चारों ओर गर्म और ठंडे स्थानों की प्रणाली को परिभाषित करते हैं।

यूरोप और विशेष रूप से उत्तरी यूरोप का मौसम और जलवायु दिन-प्रतिदिन, सप्ताह-दर-सप्ताह और वर्ष-दर-वर्ष अत्यधिक परिवर्तनशील है। मौसम और जलवायु में परिवर्तन बदलाव बहुत दूर समुद्र में घट रही घटनाओं के कारण हो सकता है। हाल के वर्षों में यूरोप में सर्दी और गर्मी दोनों में कुछ विशेष रूप से असामान्य मौसम देखा गया है। उष्णकटिबंधीय से लेकर आर्कटिक तक समुद्र के बड़े हिस्से में तापमान महीनों या वर्षों तक सामान्य स्तर से 1-2 डिग्री सेल्सियस ऊपर या नीचे बना रहता है।

यदि ‘एमॉक’ का पतन हो जाता है तो हम अत्यधिक गर्मी, ठंड, सूखा और बाढ़ की स्थिति देख सकते हैं, जिससे वर्तमान जलवायु आपात स्थिति और विकराल रूप धारण कर सकती है।










संबंधित समाचार