

महाराष्ट्र में विधवा महिलाओं को सम्मान देने की खातिर उनके लिए ‘गंगा भागीरथी’ शब्द का इस्तेमाल करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव का राज्य महिला आयोग की प्रमुख ने यह कहते हुए स्वागत किया है कि इससे महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुंबई: महाराष्ट्र में विधवा महिलाओं को सम्मान देने की खातिर उनके लिए ‘गंगा भागीरथी’ शब्द का इस्तेमाल करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव का राज्य महिला आयोग की प्रमुख ने यह कहते हुए स्वागत किया है कि इससे महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग (एमएससीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रुपाली चाकणकर ने इस प्रस्ताव के लिए राज्य के महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा का आभार भी जताया।
हालांकि, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) जैसे विपक्षी दल राज्य सरकार के इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस तरह के ‘सतही और अनुचित फैसलों’ के बजाय महिलाओं के लिए समान अधिकार सुनिश्चित करना और उनके लिए सामाजिक सुरक्षा के उपाय करना समय की मांग है।
लोढ़ा ने बुधवार को अपने विभाग के प्रमुख सचिव को लिखे एक पत्र में विधवा महिलाओं को सम्मान देने के लिए, उनके लिए ‘गंगा भागीरथी’ शब्द का इस्तेमाल करने का प्रस्ताव दिया था।
हालांकि, कांग्रेस और राकांपा द्वारा प्रस्ताव की आलोचना किए जाने के बाद उन्होंने एक वीडियो बयान जारी कर सफाई दी थी कि इस प्रस्ताव पर अभी सिर्फ विचार किया जा रहा है और इस दिशा में फिलहाल कोई कदम नहीं उठाया गया है।
एमएससीडब्ल्यू अध्यक्ष चाकणकर ने ट्वीट किया, “मैं इस कदम के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा का आभार व्यक्त करती हूं। प्रगतिशील महाराष्ट्र का यह निर्णय महिलाओं को सशक्त बनाने में मदद करेगा।”
चाकणकर ने कहा कि राज्य महिला आयोग ने सरकार से ऐसी महिलाओं के लिए एक सम्मानजनक शब्द तलाशने का आग्रह किया था, जिनके पतियों की मौत हो चुकी है।
उन्होंने कहा, “विधवा शब्द महिलाओं के लिए अपमानजनक है। आयोग ने सरकार को विधवा महिलाओं के लिए ‘पूर्णांगी’ शब्द का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया था। सरकार ने सुझाव पर गंभीरता से विचार किया और एक सकारात्मक फैसला लिया, जिसके लिए मैं मंत्री जी को बधाई देना चाहूंगी।”
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