

बिहार के जहानाबाद जिले में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। जिससे पूरे क्षेत्र में हडकंप मच गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जहानाबाद: बिहार के जहानाबाद जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहाँ इंटरमीडिएट की परीक्षा में कम अंक आने के कारण एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली। यह दुःखद घटना टेहटा थाना क्षेत्र के मदारीचक्र गांव में घटी, जहां मृतिका की पहचान सीता कुमारी के नाम से हुई है। इस हादसे से पूरे इलाके में सन्नाटा और शोक का माहौल छा गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, सीता कुमारी और उसकी जुड़वाँ बहन ने इस वर्ष इंटरमीडिएट की परीक्षा दी थी। इस परीक्षा में सीता की बहन को 500 में से 390 अंक प्राप्त हुए, जबकि सीता कुमारी को सिर्फ 300 अंक मिले। अपनी बहन से कम अंक आने के बाद सीता कुमारी मानसिक दबाव तथा तनाव में रहने लगी। परिवार के सदस्यों ने बताया कि सीता लगातार इस विषय को लेकर परेशान थी और कई बार उसे समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन उसने अपनी समस्या को लेकर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी।
क्या है पूरा मामला
ये घटना मंगलवार देर रात की बताई जा रही है।जब सभी सदस्य भोजन करने के बाद अपने-अपने कमरों में सोने चले गए, तब सीता कुमारी ने अपने कमरे का दरवाजा बंद कर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जब परिवार के लोग इसकी सूचना प्राप्त हुई, तब उन्होंने तुरंत स्थानीय थाने को सूचित किया। पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला तथा पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
मृतका के पिता ने बेटी की हत्या पर क्या कहा
मृतिका के पिता, रामजी कुमार, ने बताया कि उनकी दोनों बेटियाँ जुड़वाँ थी और इस साल उन्होंने एक ही जैसे परीक्षा दी थी। कम अंक आने के कारण सीता कुमारी लगातार मानसिक तनाव में थी, जिसे लेकर परिवार वाले चिंतित थे। उन्होंने इसके सन्दर्भ में कई बार सीता को समझाया और सांत्वना दी, लेकिन नतीजा कुछ खास नहीं हुआ, जिससे वह और अधिक तनाव में आ गई और यह कदम उठाने को मजबूर हुई।
पुलिस गंभीरता से इस मामले की जांच कर रही
पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई में जुटी है। इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है और उनके दिल में गहरा दुख है। इलाके में यह घटना चर्चा का विषय बन चुकी है, और स्थानीय लोग इस तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कई लोग इस बात पर जोर दे रहे हैं कि विद्यार्थियों को परीक्षा के परिणामों के प्रति संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है, ताकि वह इस तरह की स्थिति का सामना करने में सक्षम हो सकें।
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