विद्यालय ने बदली छात्रों की स्कूली वर्दी, सांसद ने हिजाब पर रोक का लगाया आरोप, पढ़ें पूरा अपडेट
लक्षद्वीप प्रशासन ने अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नयी वर्दी पेश की है, लेकिन उसके निर्देश में इस मुस्लिम-बहुल केंद्रशासित प्रदेश में छात्राओं के लिए हिजाब या स्कार्फ का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
तिरुवनंतपुरम: लक्षद्वीप प्रशासन ने अपने विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए नयी वर्दी पेश की है, लेकिन उसके निर्देश में इस मुस्लिम-बहुल केंद्रशासित प्रदेश में छात्राओं के लिए हिजाब या स्कार्फ का कोई उल्लेख नहीं किया गया है।
लोकसभा में इस केंद्रशासित प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहम्मद फैजल ने आरोप लगाया है कि शिक्षा विभाग के तहत आने वाले विद्यालयों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए स्कार्फ या हिजाब पर पूर्ण प्रतिबंध है।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार फैजल ने शुक्रवार को कहा, ‘‘इसमें स्कार्फ या हिजाब का कोई उल्लेख नहीं है। यह किसी व्यक्ति के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है। हम इसके खिलाफ राजनीतिक और कानूनी तौर पर लड़ेंगे।’’
लक्षद्वीप प्रशासन के तहत आने वाले विद्यालयों के प्रधानाचार्यों और प्रधानाध्यापकों को 10 अगस्त को जारी एक परिपत्र में, शिक्षा विभाग ने कहा कि स्कूली बच्चों के वर्दी पहनने से एकरूपता सुनिश्चित होगी और छात्रों में अनुशासन की भावना भी आएगी।
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परिपत्र में कहा गया है, ‘‘निर्धारित वर्दी के अलावा अन्य चीजें पहनने से स्कूली बच्चों के बीच एकरूपता की अवधारणा प्रभावित होगी। विद्यालयों में अनुशासन और एक समान वर्दी बनाए रखना प्रधानाचार्य और विद्यालय प्रमुखों की जिम्मेदारी है।’’
फैज़ल ने दावा किया कि केंद्रशासित प्रशासन के 'निरंकुश निर्णय' के खिलाफ द्वीप क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और छात्र अपने अधिकार मिलने तक अपनी कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे।