जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति की रिपोर्ट आई सामने, जानिये भारत का पक्ष
भारत ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की नयी रिपोर्ट का सोमवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह समानता और जलवायु न्याय के लिए देश की मांग का समर्थन करती है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारत ने जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी समिति (आईपीसीसी) की नयी रिपोर्ट का सोमवार को स्वागत करते हुए कहा कि यह समानता और जलवायु न्याय के लिए देश की मांग का समर्थन करती है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि रिपोर्ट अक्टूबर 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘मिशन लाइफ’ के दृष्टिकोण को प्रतिध्वनित करती है और संसाधनों के ‘‘सचेत और समझदारीपूर्ण उपयोग’’ पर केंद्रित व्यवहार परिवर्तन को प्रेरित करने के लिए वैश्विक जन आंदोलन का आह्वान करती है।
यादव ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा ‘‘भारत आईपीसीसी (एआर6-एसवाईआर) की छठी आकलन रिपोर्ट से जुड़ी सारांश रिपोर्ट का स्वागत करता है। यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन की पुष्टि मानवता के सामने प्रमुख पर्यावरणीय चुनौतियों में से एक के रूप में करती है। नीति निर्माताओं के लिए सारांश रिपोर्ट समानता और जलवायु न्याय के लिए भारत के आह्वान का समर्थन करती है।’’
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उन्होंने कहा कि जलवायु वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि विकसित देशों से विकासशील देशों को वित्तीय सहायता जलवायु कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक है जो यह दर्शाता है कि वर्तमान वित्तपोषण अपर्याप्त हैं। मंत्री ने कहा, ‘‘इसमें 100 अरब डॉलर भी शामिल है, जिसका वादा किया गया था लेकिन यह राशि कभी जारी नहीं की गई।’’
सोमवार को आईपीसीसी की जारी रिपोर्ट मानवजनित उत्सर्जन के कारण वैश्विक तापमान में वृद्धि के कारणों और परिणामों पर 2015 के बाद से तैयार की गई सभी रिपोर्ट का सारांश है।
रिपोर्ट में कहा गया है पूर्व-औद्योगिक समय से वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य से दुनिया चूक सकती है लेकिन इस दशक में बड़े और त्वरित कदमों से ऐसा होने से रोका जा सकता है।
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