

महराजगंज जिले में जिस तरह पुलिस मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाकर थाने में गरीबों को थर्ड डिग्री दे रही है, उससे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। जिनके जवाब महकमे के बड़े अफसरों को देने पड़ेंगे। सबसे बड़ा सवाल सीसीटीवी कैमरे को लेकर उठ खड़ा हुआ है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
महराजगंज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिसंबर 2017 में प्रदेश के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का आदेश दिया था। यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति डीबी भोसले एवं न्यायमूर्ति एमके गुप्ता की खंडपीठ ने महराजगंज जिले के युवा मानवाधिकार कार्यकर्ता विनय कुमार पांडेय की जनहित याचिका पर दिया था। याचिका में पुलिस उत्पीड़न से अभिरक्षा में मौत की घटनाओं की निगरानी के लिए थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की गई थी।
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अब बृजमनगंज थाने में गरीबों को थर्ड डिग्री दिये जाने के मामले के डाइनामाइट न्यूज़ पर उजागर होने के बाद मानवाधिकार कार्यकर्ता विनय कुमार पांडेय एक बार फिर मुखर हो गये हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ से बात करते हुए पांडेय ने सवाल उठाया है कि पीड़ित पप्पू अग्रहरी व उनके भाई की पिटाई के वक्त का बृजमनगंज थाने की सीसीटीवी फुटेज कहां है?
हाईकोर्ट के आदेशानुसार यदि सीसीटीवी बंद था या फिर खराब था, तो इसके लिए जिम्मेदार थानेदार पर अब तक एसपी ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की? पांडेय ने कहा कि यह एक अत्यंत गंभीर मामला है और इसको वे राष्ट्रीय मानवाधिकार आय़ोग तथा इलाहाबाद उच्च न्यायालय की शरण में लेकर जायेंगे कि किस तरह महराजगंज जिले में मानवाधिकार और हाईकोर्ट के आदेशों की धज्जियां उड़ायी जा रही हैं।
गौरतलब है कि बीते एक अप्रैल को बृजमनगंज थाने के अंदर पुलिस वालों ने गरीब पप्पू अग्रहरी की बेरहमी से पट्टों से पिटाई की थी। जब मामला मीडिया में उछला तब जाकर सत्रह दिन बाद एसपी ने सिपाही को निलंबित किया और सीओ को जांच सौंपी लेकिन थानेदार पर कोई कार्यवाही तक नहीं की।
अब कई सवाल ऐसे हैं जो पुलिस का पीछा कर रहे हैं।
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