डॉ. कफील खान की रिहाई के खिलाफ दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट से खारिज, योगी सरकार को बड़ा झटका

गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज से निलंबित डॉक्टर कफील खान की रिहाई को लेकर योगी सरकार द्वारा दायर याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट

Updated : 17 December 2020, 4:52 PM IST
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लखनऊ: गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज से बच्चों की मौत के मामले में निलंबित डॉक्टर कफील खान की रिहाई के खिलाफ दायर यूपी की योगी सरकार की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला योगी सरकार के लिये बड़ा झटका माना जा रहा है।

यूपी की योगी सरकार ने डा. कफील खान के खिलाफ एनएसए की धाराएं हटाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के विरोध में याचिका दाखिल की थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को यथावत रखा।

कफील खान को सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर भड़काऊ बयान देने के मामले में गिरफ्तार कर एनएसए के तहत जेल भेजा गया था। इस गिरफ्तारी के खिलाफ कफील खान द्वारा खिलाफ इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। हाई कोर्ट ने तब तल्ख टिप्पणी करते हुए यूपी सरकार के फैसले पर भी सवाल उठाए थे। एनएसए के लिए पर्याप्त आधार न होना और एनएसए लगने के बाद जेल में आरोपी को सभी दस्तावेज मुहैया न कराने के कारण डा. कफील को कोर्ट से राहत मिली थी।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कफील खान पर लगाए गए एनएसए को अवैध करार देते हुए उसे रद्द कर दिया और उन्हें तुरंत जेल से रिहा किये जाने के आदेश दिया था। हाई कोर्ट से जमानत मिलने के बाद डॉ. कफील खान को 2 सितंबर को मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया था।

यूपी की योगी सरकार ने डा. कफील खान की रिहाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। देश की शीर्ष अदालत ने भी इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए काफील खान को बड़ी राहत दी है।

गौरतलब है कि डा. कफील खान उस वक्त चर्चा में आये थे जब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन कीक मी के कई बच्चों की मौत हो गयी थी। इस मामले में डा. कफील खान को निलंबित कर दिया गया था। उन्हें 1 अगस्त 2017 में गिरफ्तार किया गया था। 

Published : 
  • 17 December 2020, 4:52 PM IST

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