दिल्ली में धरने पर बैठे पहलवानों को कई नेताओं का समर्थन, मामला लेने लगा राजनीतिक रंग, जानिये पूरा अपडेट
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई राजनीतिक नेताओं तथा खाप नेताओं ने मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलकर उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
नयी दिल्ली: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कई राजनीतिक नेताओं तथा खाप नेताओं ने मंगलवार को प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से मिलकर उनके प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।
हुड्डा, कांग्रेस के एक अन्य नेता उदित राज, सीपीआई की वृंदा करात का पहलवानों ने स्वागत किया। इससे पहले जनवरी में पहलवानों ने करात को प्रदर्शन का हिस्सा बनने से रोक दिया था। पहलवानों ने सोमवार को तमाम पक्षों से समर्थन की मांग की थी।
हुड्डा ने लगभग 35 मिनट जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ बिताए। पहलवान जनवरी से ही भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह को हटाने की मांग कर रहे हैं जिनके खिलाफ उन्होंने यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने के आरोप लगाए हैं।
हुड्डा ने जहां कोई बात नहीं की वहीं उदित राज ने प्रदर्शनकारी पहलवानों से उसी तरह अपनी मांग पर अडिग रहने के लिए कहा जिस तरह से किसान अपनी मांगों पर डटे रहे थे। उन्होंने कहा ‘‘जीत आपकी होगी।’’
यह भी पढ़ें |
प्रदर्शनकारी पहलवानों ने किया ये बड़ा दावा, आंदोलन को लेकर जानिये नये खुलासे और पूरा अपडेट
भारत किसान यूनियन के प्रतिनिधियों ने भी पहलवानों के प्रदर्शन में हिस्सा लिया। कुछ बच्चों ने पहलवानों को अपने गुल्लक भेंट किये। इनमें से एक बच्चा भोपाल से आया था।
बजरंग पूनिया ने उनका आभार व्यक्त करते हुए कहा,‘‘ आपका बहुत बड़ा दिल है ।’’
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने शरण के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों पर प्राथमिकी दर्ज न किए जाने का आरोप लगाने वाली सात महिला पहलवानों की याचिका पर दिल्ली सरकार तथा अन्य को नोटिस जारी किए तथा कहा कि ये ‘‘गंभीर आरोप’’ हैं जिन पर विचार करने की आवश्यकता है।
उच्चतम न्यायालय ने पहले कहा था कि महिला पहलवानों की याचिका को सुनवाई के लिए शुक्रवार को सूचीबद्ध किया जा सकता है। हालांकि, मामले का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की कुछ दलीलों पर सुनवाई करने के बाद उसने सीधे मामले पर सुनवाई करने का फैसला किया।
यह भी पढ़ें |
Wrestlers Protest: जंतर मंतर पर किसान संगठनों के कार्यकर्ताओं का हंगामा, तोड़े बैरिकेड, जानिये क्या बोली दिल्ली पुलिस
पीठ ने कहा कि सामान्य तौर पर, दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (संज्ञेय मामलों की जांच के लिए पुलिस अधिकारियों की शक्ति) के तहत पुलिस के पास जाने का उपाय उपलब्ध है।
सिब्बल ने बताया कि एक नाबालिग पहलवान समेत सात पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए हैं लेकिन इस पहलू पर बहुत स्पष्ट कानून होने के बावजूद अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है।