सुल्तानपुर: सावन के मौके पर दंपतियों ने किया महारुद्राभिषेक
सुल्तानपुर के सीताकुंड घाट पर सावन के मौके पर शनिवार सुबह शिव भक्तों ने सपत्नीक रुद्राभिषेक किया।
सुल्तानपुर: सुल्तानपुर के सीताकुंड घाट पर पहली बार शिवपुराण कथा का भी आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के पहले दिन शनिवार सुबह शिव भक्तों ने सपत्नीक रुद्राभिषेक किया। इसके अलावा शाम में शिव पुराण की पावन कथा का भी रसास्वादन किया गया है।
हर वर्ष श्रावण मास में होता है भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक
हनुमान गढ़ी पुजारी पंडित रमाकांत पांडेय द्वारा प्रति वर्ष श्रावण मास में दो पालियों में भगवान भोलेनाथ का रुद्राभिषेक का आयोजन किया जाता है। इस बार पहली बार शिव पुराण कथा का भी आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के पहले दिन आज सुबह शिव भक्तों ने सपत्नीक रुद्राभिषेक किया। इसके अलावा शाम में शिव पुराण की पावन कथा का भी रसास्वादन किया गया है।
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भोले नाथ ने ही की ब्रह्म और विष्णु की उत्पत्ति
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शिवपुराण कथा के संदर्भ में पं. रमाकांत पांडेय ने भगवान शिव के महिमा और महत्व पर मार्मिक प्रसंग सुनाया। उन्होंने बताया कि भगवान भोले नाथ ने ही ब्रह्म और विष्णु की उत्पत्ति की। एक बार दोनों को अपने बड़ा होने पर घमंड हो गया। दोनो शंकर जी का अंत ढूढने निकल पड़े। दोनों को उनका अंत नही मिला तो लौट आये भगवान विष्णु तो सही बता दिए कि कोई अंत नही मिला किन्तु बह्मा जी ने झूठ बोल और अंत को प्रमाणित करने के लिये केतकी को ले आये। जिसे सुनकर भगवान भोलेनाथ को गुस्सा आ गया। जिसपर ब्रह्मा जी का एक मुख्य कटवा दिया तथा उन्हें श्राप दिया कि यज्ञ स्थल के अलावा कही भी तुम्हारी पूजा नही होगी जबकि बिष्णु की पूजा घर घर होगी। इस मार्मिक प्रसंग की भावपूर्ण प्रस्तुति से शिवभक्त मंत्रमुग्ध हो उठे।
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