देश में अबतक 90.50 लाख हेक्टेयर में बोया गया सोयाबीन, घट सकता है रकबा: संगठन

सोयाबीन प्रसंस्करणकर्ताओं के एक प्रमुख संगठन ने मंगलवार को अनुमान जताया कि मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान अबतक देश में करीब 90.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा चुका है।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 11 July 2023, 7:35 PM IST
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इंदौर: सोयाबीन प्रसंस्करणकर्ताओं के एक प्रमुख संगठन ने मंगलवार को अनुमान जताया कि मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान अबतक देश में करीब 90.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया जा चुका है।

संगठन का मानना है कि मॉनसून की आमद में देरी और दूसरी फसलों की ओर किसानों के रुझान के चलते इस सत्र में सोयाबीन का रकबा पिछली बार से थोड़ा कम रह सकता है।

इंदौर स्थित सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) ने फसल के अपने शुरुआती सर्वेक्षण के बाद कहा कि देश में 10 जुलाई तक की स्थिति में लगभग 90.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया है।

संगठन के मुताबिक इसमें देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्यप्रदेश का 42.66 लाख हेक्टेयर रकबा शामिल है। यह नकदी फसल किसानों के बीच ‘पीले सोने’ के रूप में मशहूर है।

संगठन के ताजा आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में 30.80 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 10.28 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में दो लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.85 लाख हेक्टेयर, तेलंगाना में 1.65 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 35,000 हेक्टेयर और अन्य राज्यों में 85,000 हेक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई है।

सोपा के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में इस बार मॉनसून तय समय से देरी से आया। इसके साथ ही, सोयाबीन उगाने वाले किसानों का एक तबका चावल, अरहर और अन्य दलहनी फसलों की खेती की ओर ओर मुड़ा है।’’

उन्होंने बताया कि देश में सोयाबीन की बुवाई हफ्ते भर में खत्म हो जाएगी और इस तिलहन फसल का रकबा पिछली बार से थोड़ा कम रह सकता है।

सोपा के आंकड़ों के मुताबिक 2022 के खरीफ सत्र के दौरान देश भर में कुल 114.50 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया था और इस तिलहन फसल की पैदावार 124 लाख टन के आस-पास रही थी।

केंद्र सरकार ने विपणन सत्र 2023-24 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पिछले सत्र के 4,300 रुपये प्रति क्विंटल से 300 रुपये बढ़ाकर 4,600 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।

 

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