सोनभद्र: थानाध्यक्ष के निलंबन से नाखुश गांव के लोग, बोले, आपके साथ हैं सर!

डीएन संवाददाता

बरहमोरी बालू साइड पर हुई आगजनी के मामले में उच्च अधिकारियों के आदेश पर थानाध्यक्ष अरविन्द मिश्रा को उनके पद से निलंबित कर दिए जाने से गांव के लोग खुश नहीं है। डाइनामाइट न्यूज एक्सक्लूसिव..

थानाध्यक्ष अरविंद मिश्रा को माला पहनाते गांव वाले
थानाध्यक्ष अरविंद मिश्रा को माला पहनाते गांव वाले


सोनभद्र: बीते बुधवार को कोन में बालू खनन को लेकर ग्रामीणों ने बवाल किया था। जबर्दस्त आगजनी हुई थी। इस मामले में कोन थानाध्यक्ष को उनके पद से निलंबित कर दिया गया था। अब उन्हें पुलिस लाइन शिफ्ट कर दिया गया है। गांव के लोग अधिकारियों के इस फैसले से नाखुश हैं। उनका कहना है कि थानाध्यक्ष अरविंद मिश्रा एक ईमानदार अफसर हैं। 

एडीजी के आदेश पर निलंबित हुए कोर थानाध्यक्ष अरविंद मिश्रा ने महज तीन महीने के भीतर गांव वालों के दिलों में अहम जगह बना ली थी। गांव वालों ने उन्हें नम आंखों से विदा किया। इस अवसर पर खुद थानाध्यक्ष की आंखें भी नम हो गई थीं।

 

 

यह भी पढ़ें | सोनभद्र: कारोबारी दंपती की हत्या मामले की पुलिस ने सुलझायी गुत्थी

डाइनामाइट माइट न्यूज संवाददाता के अनुसार सिद्धार्थनगर से सोनभद्र जिले में उन्हें आए केवल तीन महीने ही हुए थे लेकिन अपने ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठा, उदार और संघर्षशील व्यक्तित्व के चलते वे गांव वालों के चहेते हो गए थे। 

यहां के लोगों का कहना है कि कोन क्षेत्र का हर व्यक्ति उनके क्षेत्र में सुरक्षित महसूस करता था । यहाँ तक की आगजनी की घटना के ठीक 3 या 4 दिन पहले माननीय अपर पुलिस महानिदेशक ने स्वयं वार्षिक मुआयना के परिणाम स्वरुप इनके कार्य कौशल की सराहना की थी।

लेकिन कोन में बालू खनन को लेकर हुई आगजनी के मामले में एडीजी का मानना था कि वे कोन थाने की कमान संभालने में अक्षम साबित हुए इसलिए उन्हें उनके पद से निलंबित किया गया। गांव वालों का मानना है कि थानाध्यक्ष अरविंद मिश्रा राजनीति का शिकार हुए हैं। गांव वाले जब उन्हें विदा कर रहे थे तो खुद थानाध्यक्ष की आंखें भी नम हो गई थीं।

क्या है कोन में हुई आगजनी का मामला

यह भी पढ़ें | सोनभद्र: SP ने युवाओं को भड़काऊ व्हाट्सऐप ग्रुपों से दूर रहने की दी हिदायत

कोन थाना क्षेत्र के बरहमोरी बालू साइड पर सड़क मरम्मत के विवाद को लेकर बीते 9 जनवरी को मारपीट हुई थी जिसमें चार लोग घायल हो गए थे। इसके बाद ग्रामीणों ने ठेकेदारों पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए खनन कराने वाले ठेकेदार के कार्यालय को घेर लिया था और कार्यालय के समीप खड़ी चार बाइक, एक स्कार्पियो, एक सफारी व एक मारुती को आग के हवाले कर दिया था। कार्यालय में तोड-फाड़ की और पास  खड़ी चार बाइक को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। 

ग्रामीणों का कहना था कि ठेकेदार मनमानी करते हैं। जब उन्हें सड़क की मरम्मत करने के लिए बोला जाता तो वे गोली मारने की धमकी देने लगते। आगजनी के एक दिन पूर्व 8 जनवरी को रास्ते से गुजर रहे संजय पासवान नामक युवक के साथ ठेकेदारों ने मारपीट की थी। वहीं गाव वालों का आरोप था कि एक युवक को पैर में गोली मारी गई थी।


   
 










संबंधित समाचार