SGPC ने पुलिस पर गुरुद्वारों में अनावश्यक हस्तक्षेप का आरोप लगाया
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन पर 'खालसा साजना दिवस' (बैसाखी) के लिए गुरुद्वारों द्वारा की जा रही व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।
अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के प्रमुख हरजिंदर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को पंजाब सरकार और पुलिस प्रशासन पर 'खालसा साजना दिवस' (बैसाखी) के लिए गुरुद्वारों द्वारा की जा रही व्यवस्था में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया।
धामी ने एक बयान में कहा कि जब समुदाय शुक्रवार को 'पंथिक' परंपराओं के अनुसार 'खालसा साजना दिवस' मना रहा है, ऐसे में राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन के 'अनावश्यक हस्तक्षेप' के कारण सिख समुदाय में नाराजगी है ।
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उन्होंने आरोप लगाया, ''पुलिस प्रशासन द्वारा संगत पर मनमानी पाबंदियां लगायी जा रही हैं, जिसके बारे में एसजीपीसी को जानकारी मिल रही है।’’
धामी ने कहा कि सरकार की यह कार्रवाई बेहद खराब है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘चूंकि खालसा साजना दिवस बहुत महत्वपूर्ण है और सिख समुदाय के लिए भक्ति का अवसर है, तख्त श्री केसगढ़ साहिब और तख्त श्री दमदमा साहिब में बड़ी संख्या में 'संगत' इकट्ठा होती हैं, लेकिन उन्हें पुलिस के अनावश्यक हस्तक्षेप के कारण असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।’’
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उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘सिख संगत में जानबूझ कर डर और आतंक का माहौल बनाया जा रहा है, गुरुद्वारों में तैनात पुलिसकर्मी भी प्रबंधकों पर अपनी मर्जी से निर्देशों का पालन करने का दबाव बना रहे हैं, जो अस्वीकार्य है।’’
उत्तर भारत में पंजाब के सबसे बड़े त्योहारों में से एक बैसाखी, 10वें सिख गुरु गोबिंद सिंह द्वारा 'खालसा पंथ' के स्थापना दिवस का प्रतीक है। यह फसल कटाई की शुरुआत का भी प्रतीक है।