राजौरी में आतंकवादियों को ढूंढने के लिए तलाश अभियान का दायरा बढ़ाया गया

डीएन ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर के एक दूरस्थ गांव में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए रविवार को दूसरे दिन भी सुरक्षा बलों ने तलाश अभियान जारी रखा। हालांकि, सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच फिर से गोलीबारी होने की कोई सूचना नहीं है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

आतंकवादिय (फाइल)
आतंकवादिय (फाइल)


राजौरी: जम्मू-कश्मीर के एक दूरस्थ गांव में आतंकवादियों का पता लगाने के लिए रविवार को दूसरे दिन भी सुरक्षा बलों ने तलाश अभियान जारी रखा। हालांकि, सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच फिर से गोलीबारी होने की कोई सूचना नहीं है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि राजौरी के बुद्धल इलाके के गुंदाह-खवास गांव में शनिवार को सेना और पुलिस ने घेराबंदी कर तलाश अभियान चलाया था और इसी दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई, जिसमें सेना की वर्दी पहना एक आतंकवादी मारा गया और एके राइफल तथा दो पिस्तौल समेत बड़ी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद किये गए।

उन्होंने कहा कि दिन में गोलीबारी बंद हो गई, लेकिन तलाश अभियान और तेज कर दिया गया तथा पास के जंगल और आसपास के इलाकों तक अभियान का दायरा बढ़ा दिया गया है ताकि आतंकवादियों का खात्मा किया जा सके।

इससे पहले, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) मुकेश सिंह और सेना के रोमियो फोर्स के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल मोहित त्रिवेदी ने राजौरी में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वे क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सिंह ने कहा, “शनिवार दोपहर करीब डेढ़ बजे गुंदाह-खवास में कुछ आतंकवादियों को देखा गया। सेना को सूचित करने के अलावा एक पुलिस दल गांव में पहुंचा। जब घेराबंदी और तलाश अभियान शुरू किया गया, तब आतंकवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका पुलिस, सेना और सीआरपीएफ के जवानों ने जवाब दिया, जिसमें एक आतंकवादी मारा गया।”

एडीजीपी ने बताया कि माना जाता है कि मारा गया आतंकवादी पाकिस्तानी था और यह उसके पास से बरामद दवाओं और जूतों सहित सामग्री से स्पष्ट होता है।

उन्होंने कहा, ''गांव में एक और आतंकवादी मौजूद है और मुठभेड़ जारी है।''

सिंह ने कहा कि मुठभेड़ स्थल से रेनकोट, खाने का सामान समेत अन्य सामग्री बरामद की गई है जो संकेत करती है कि उन्हें जंगल में रहने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।

सिंह ने कहा कि आतंकी समूहों को मदद पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा, 'उनमें से कई पर पहले ही जन सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा चुका है। हम संदिग्ध व्यक्तियों पर लगातार निगरानी भी रख रहे हैं।'

मेजर जनरल त्रिवेदी ने आतंकवादियों के खिलाफ सफलता का श्रेय सेना, पुलिस और अन्य सहयोगी एजेंसियों के बीच तालमेल और लोगों के सहयोग को दिया।

उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों के खिलाफ अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए जारी रहेगा कि वे पैर न जमा सकें। आतंकवादियों को लग रहा था कि वे आसानी से अपनी गतिविधियां कर लेंगे, लेकिन हमने उन्हें घेर लिया है।'

त्रिवेदी ने कहा कि क्षेत्र या देश के प्रति दुर्भावना रखने वाले व्यक्ति से सख्ती से निपटा जाएगा।

सुबह में जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) लेफ्टिनेंट कर्नल सुनील बर्तवाल ने बताया कि माना जा रहा है कि गांव में दो से तीन आतंकवादी छिपे हैं और रातभर गोलीबारी करके उनके भागने के सभी प्रयासों को विफल कर दिया गया है।

लेफ्टिनेंट कर्नल बर्तवाल ने कहा, ‘‘आतंकवादियों का सुराग मिलने पर सेना के जवान क्षेत्र में आगे बढ़े और उन्हें घेर लिया। माना जा रहा है कि क्षेत्र में दो से तीन आतंकवादी मौजूद हैं। राष्ट्रीय राइफल्स के अतिरिक्त बल को इलाके में भेजा गया है।’’

उन्होंने बताया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर से विशेष बलों को क्षेत्र में लाया गया, जबकि रात में अभियान को अंजाम देने में सक्षम क्वाडकॉप्टर, मानव रहित वाहन और खोजी श्वान को भी शामिल किया गया।

राजौरी में पुलिस ने रविवार को एक परामर्श जारी किया, जिसमें लोगों को सुरक्षा के मद्देनजर मुठभेड़ स्थल से दूर रहने की सलाह दी गई है।

परामर्श में कहा गया है, ‘‘यह सभी की जानकारी के लिए है कि गुंदाह-खवास गांव में मुठभेड़ जारी है। लोगों को क्षेत्र में नहीं आने और उस स्थान से कम से कम दो किलोमीटर दूर रहने की सलाह दी जाती है।’’

 










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