Sawan 2021: सावन में सोमवार ही नहीं मंगलवार का भी है खास महत्व, शादीशुदा महिलाओं को मिलता है ये वरदान

डीएन ब्यूरो

सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होने वाला है। इस महीने में सोमवार का अलग ही महत्व माना जाता है। वहीं सावन के महीने में मंगलवार का भी अलग ही एक खास महत्व है, खासतौर से सुहागिन महिलाओं के लिए। जानिए डाइनामाइट न्यूज़ पर

मां मंगला गौरी की पूजा
मां मंगला गौरी की पूजा


नई दिल्लीः सावन का महीना भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती को समर्पित है। इस महीने में भगवान शिव की पूजा करने से आपकी सारी मनोकामना पूरी होती है। जैसे इस महीने में सोमवार के दिन महत्वपूर्ण माना जाता है वैसे ही मंगलवार के दिन का भी एक खास महत्व है।

मंगलवार के दिन माता मंगला गौरी की पूजा करने से अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर और विवाहित महिलाओं को सदा सुहागिन रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सावन में पड़ने वाले मंगलवार को महिलाएं अखंड सौभाग्य का वरदान पाने के लिए मां मंगला गौरी का ​पूरे विधि-विधान के साथ पूजन करती हैं। इस व्रत को श्रावण मास के मंगलवार से प्रारंभ कर इस व्रत को 16 मंगलवार रखने का विधान है। मां मंगला गौरी की पूजा में 16 की संख्या का विशेष ख्याल रखा जाता है। इसलिए उन्हें चढ़ाई जाने वाली पूजा की सभी वस्तुएं 16 की संख्या में चढ़ाई जाती हैं।

मान्यता है कि इस दिन सुहागिन महिलायें मंगला गौरी का व्रत रखकर अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त करती है। सावन के मंगलवार को सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर शाम को मंगला गौरी की विधि-विधान से पूजा अर्चना करती हैं। और व्रत कथा का श्रवण करती हैं या पढ़ती है। इससे मंगला गौरी प्रसन्न होकर अखंड सौभाग्यवती होने और पुत्र प्राप्ति का वरदान देती हैं। सावन के प्रत्येक मंगलवार को सुहागिन महिलाएं पूरे विधि-विधान से इस व्रत का अनुष्ठान करती हैं।

इस व्रत से सुहागिनों को अखंड सौभाग्यवती होने,  पति की लंबी आयु होने, संपन्न जीवन जीने और सुखी वैवाहिक जीवन जीने का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।










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