

फिरोजाबाद संसदीय सीट सपा का वह गढ़ माना जाता है जो 2014 में देश भर में चल रहे मोदी लहर के बाद भी सपा का अभेद्य दुर्ग बना रहा और बीजेपी को यहाँ हार का मुंह देखना पड़ा। इस बार सपा-बसपा का गठबंधन होने से माहौल और भी मज़ेदार हो गया है।
फिरोजाबाद: 2019 लोकसभा चुनाव की रणभेरी आचार संहिता लगने के साथ ही बज चुकी है और इसी के साथ सभी राजनीतिक दल और अब तक राजनीतिक दलों के घोषित प्रत्याशी चुनावी समर में एक दूसरे का मुकाबला करने के लिए डट चुके हैं।
ऐसे में डाइनामाइट न्यूज़ की टीम ने फिरोजाबाद के युवा सांसद अक्षय यादव से उनके संसदीय क्षेत्र के बारे में बात की।
डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत करते हुए फिरोजाबाद के सांसद अक्षय यादव ने कहा कि वे पिछले 2 सालों से जनता से लगातार मिल रहे हैं और उनकी समस्याएं दूर करने में लगे हैं। वहीं कांच उद्योग के लिए मशहूर अपनी संसदीय सीट फिरोजाबाद के बारे में बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि फिरोजाबाद का चूड़ी उद्योग जीएसटी की मार से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसके पीछे कारण यह है कि चूड़ी निर्माण में इस्तेमाल किया जाने वाले कच्चे माल पर भारी जीएसटी के कारण चूड़ी निर्माण उद्योग उतरी तेजी से रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है। जितनी तेजी से उम्मीद जताई जा रही थी। वहीं इस वजह से चूड़ी उद्योग में काम पाने वाले मजदूरों को मजदूरी मिलने में भी परेशानी आ रही है।
अक्षय यादव ने बीजेपी पर फिरोजाबाद से भेदभाव का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम फिरोजाबाद शहर में सड़कों की मरम्मत समेत नई सड़कों के निर्माण के प्रति उदासीन बना हुआ है। मगर सपा सरकार के शासनकाल में फिरोजाबाद में नहर निकालकर पाइप लाइन के माध्यम से लोगों के घर तक पानी पहुंचाया गया। जिसके पीछे शहर में पीने लायक पानी की कमी होना मुख्य वजह रही।
वहीं बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि फिरोजाबाद में बीजेपी की ओर से चुनाव लड़ने के लिए पार्टी नेताओं में आपसी घमासान चल रहा है। जिसकी वजह से अब तक पार्टी अपना उम्मीदवार भी तय नहीं कर पाई है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय में अभी शहर के विकास के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है। जिसके लिए वह आगे भी अपना प्रयास जारी रखेंगे।
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