बांसपार बैजौली विवाद में दोनों पक्षों की गिरफ्तारी के बाद शांति कायम, पुलिस कस्टडी में कल वोट डालेंगे राजेश यादव और विजय पटेल

डीएन ब्यूरो

बांसपार बैजौली गांव में विवाद करने वाले दोनों पक्षों के राजेश यादव और विजय पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया है। पूरी खबर:



महराजगंज: सदर ब्लाक का बांसपार बैजौली गांव रविवार को लाकडाउन के बीच बड़े विवाद का केन्द्र बन गया। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजेश यादव की मां फूलझारी देवी ग्राम प्रधान का चुनाव लड़ रही हैं। इनका मुकाबला भाजपा नेता विजय पटेल से है। यही दोनों पक्ष मुख्य प्रतिद्वंदी हैं।

जानकारी के मुताबिक रविवार को राजेश यादव गांव में जनसंपर्क कर रहे थे, तभी छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष दलजीत सिंह के पुत्र ने उन्हें देखा और पूछा कि चुनाव प्रचार की समय अवधि बीच चुकी है, फिर आप क्यों प्रचार कर रहे हैं, इसके बाद दोनों के बीच कहासुनी हो गयी। इसके बाद सूचना पर कोतवाली पुलिस गांव में पहुंची और दोनों पक्षों के लोगों को पकड़कर कोतवाली ले आयी।

इसी कमरे में पुलिस कस्टडी में हैं दोनों पक्ष के राजेश यादव और विजय पटेल

कोतवाली के लाकअप में विजय पटेल और उनके समर्थक दलजीत सिंह को डाल दिया गया, इसके अलावा राजेश यादव और उनके समर्थक दिलीप शुक्ला व पवन वर्मा को भी लॉकअप में डाल दिया गया। 

बाद में राजेश यादव और विजय पटेल के अलावा अन्य लोगों को समझा-बुझाकर छोड़ दिया गया। 

सीओ सदर कोमल मिश्र ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि पुलिस को गांव में शांति भंग की सूचना मिली थी जिसके बाद पुलिस ने दोनों पक्षों से राजेश यादव और विजय पटेल को गिरफ्तार किया है। सीओ ने साफ किया कि दोनों लोगों को अभी नहीं छोड़ा जायेगा। कल पुलिस कस्टडी में दोनों को मतदान के लिए ले जाया जायेगा। उम्मीद है कि मतदान के बाद शांति कायम होने पर दोनों को छोड़ा जाएगा।

उधर, इससे पहले दोपहर में राजेश यादव की गिरफ्तारी से नाराज सैकड़ों ग्रामीणों ने कोतवाली गेट पर जबरदस्त हंगामा मचाया और नारेबाजी की। ग्रामीण चीख-चीख कर आरोप लगा रहे थे कि भाजपा नेताओं के दबाव में पुलिस ने राजेश यादव को गलत तरीके से गिरफ्तार किया है। इन ग्रामीणों का आरोप है कि आचार संहिता का उल्लंघन कर विजय पटेल गांव में शराब, साड़ी व पैसे बांट रहे हैं जब इसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गयी तो उन्होंने कोई कार्यवाही नही की। 

उधर विजय पटेल समर्थकों का कहना है कि राजेश यादव खुद पैसा बांट रहे थे और चुनाव प्रचार बंद होने के बाद जबरदस्ती प्रचार कर रहे थे।

फिलहाल गांव में तनावपूर्ण शांति है और जिला प्रशासन के लिए निष्पक्ष वोटिंग एक बड़ी चुनौती है।










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