पीएंडडब्ल्यू इंजन में समस्या, ठप खड़े हैं इंडिगो, गो फर्स्ट के 50 विमान

विमानन कंपनियों इंडिगो और गो फर्स्ट के 50 से भी अधिक विमान प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) इंजन की समस्या से इन दिनों परिचालन से बाहर चल रहे हैं। इसकी वजह से एयरलाइन कंपनियों को पट्टे पर विमान लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 26 February 2023, 6:28 PM IST
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नयी दिल्ली/ मुंबई: विमानन कंपनियों इंडिगो और गो फर्स्ट के 50 से भी अधिक विमान प्रैट एंड व्हिटनी (पीएंडडब्ल्यू) इंजन की समस्या से इन दिनों परिचालन से बाहर चल रहे हैं। इसकी वजह से एयरलाइन कंपनियों को पट्टे पर विमान लेने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इस समस्या से निपटने के लिए कई विकल्पों पर गौर कर रही है। इनमें विमानों के पट्टे की अवधि बढ़ाने, विमान को फिर से बेड़े में शामिल करने और चालक दल के साथ विमान को पट्टे पर लेने के विकल्प शामिल हैं।

दरअसल, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से प्रैट एंड व्हिटनी इंजन के कलपुर्जों की आपूर्ति एक समस्या बनी हुई है। इस कारण इंजनों का रखरखाव नहीं हो पा रहा है। लिहाजा कई विमानों को खड़ा करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा कि पीएंडडब्ल्यू इंजन की समस्या से इंडिगो और गो फर्स्ट एयरलाइन के कम-से-कम 25-25 विमान खड़े रहने के लिए मजबूर हैं। इंजन बनाने वाली कंपनी भी आपूर्ति शृंखला से जुड़ी समस्याओं की वजह से समय पर आपूर्ति नहीं कर पा रही है।

जब इस बारे में प्रैट एंड व्हिटनी कंपनी के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने प्रभावित विमानों की संख्या नहीं बताई लेकिन यह कहा कि साल के अंत तक आपूर्ति संबंधी दबाव कम होने की उम्मीद है।

उड़ानों पर नजर रखने वाली वेबसाइट फ्लाइटरडार24 डॉट कॉम के मुताबिक, 26 फरवरी की तारीख में इंडिगो के कुल 39 विमान परिचालन से बाहर थे। इनमें ए320 नियो श्रेणी के 28 विमान और ए321 श्रेणी के 11 विमान शामिल हैं।

इंडिगो के बेड़े में 300 से अधिक विमान हैं जिनके लिए इंजन की आपूर्ति पीएंडडब्ल्यू और सीएफएम करती हैं। वहीं गो फर्स्ट एयरलाइन के बेड़े में करीब 60 विमान हैं और इकलौती इंजन आपूर्तिकर्ता पीएंडडब्ल्यू ही है।

इस संबंध में इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि एयरलाइन अपने मूल उपकरण विनिर्माता साझेदारों के संपर्क में है ताकि उसका उड़ान नेटवर्क और परिचालन दुरुस्त बना रहे।

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