पंजाब पुलिस ने कहा कि अब तक 197 लोगों को रिहा किया गया, सात लोग रासुका के तहत हिरासत में

डीएन ब्यूरो

कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के कुछ दिनों बाद पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि उसने शांति भंग करने की आशंका और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिए गए कुल 353 लोगों में से 197 लोगों को रिहा कर दिया है।

अमृतपाल सिंह(फाइल)
अमृतपाल सिंह(फाइल)


चंडीगढ़: कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह और उसके सहयोगियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के कुछ दिनों बाद पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि उसने शांति भंग करने की आशंका और कानून-व्यवस्था बिगाड़ने के मद्देनजर एहतियातन हिरासत में लिए गए कुल 353 लोगों में से 197 लोगों को रिहा कर दिया है।

पुलिस ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत सात लोगों को हिरासत में लिया है।

गौरतलब है कि अमृतपाल 18 मार्च से फरार है, जब पुलिस ने उसके और उसके अगुवाई वाले संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के तत्वों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। पंजाब के जालंधर जिले में पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया था लेकिन अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि पंजाब पुलिस को शांति भंग करने की आशंका के मामले में गिरफ्तार व्यक्तियों की जांच करते समय सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘कानून की निवारक धाराओं के तहत हिरासत में लिए गए कुल 353 व्यक्तियों में से 197 लोगों को अब तक रिहा किया गया है।’’

पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) गौरव यादव ने कहा कि राज्य के सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस आयुक्तों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को परेशान या गिरफ्तार नहीं किया जाए।

उन्होंने कहा कि किसी भी गंभीर अपराध में निवारक गिरफ्तारी से पहले जांच अधिकारियों को उपलब्ध सबूतों की पड़ताल करनी चाहिए।

डीजीपी ने कहा कि 353 लोगों के अलावा, 40 लोगों को गंभीर आपराधिक आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है जबकि सात लोगों को एनएसए के तहत हिरासत में लिया गया है।










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