Punjab : ड्रग्स मामले में पूछताछ के लिए बिक्रम मजीठिया एसआईटी के सामने पेश

डीएन ब्यूरो

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को पटियाला जिले में पंजाब पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के सामने पेश हुए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बिक्रम मजीठिया एसआईटी के सामने पेश
बिक्रम मजीठिया एसआईटी के सामने पेश


चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) नेता बिक्रम सिंह मजीठिया मादक पदार्थों से जुड़े एक मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को पटियाला जिले में पंजाब पुलिस की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) के सामने पेश हुए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मजीठिया सुबह करीब पौने बारह बजे अपने वकीलों के साथ एसआईटी कार्यालय पहुंचे। इस दौरान कार्यालय के आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी।

एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (पटियाला रेंज) मुखविंदर सिंह छीना कर रहे हैं।

एसआईटी कार्यालय पहुंचने से पहले मजीठिया ने कहा कि वह कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है।

शिअद नेता ने आम आदमी पार्टी (आप) नीत राज्य सरकार पर मादक पदार्थ के मुद्दे को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया और दावा किया कि एसआईटी ने उन्हें इसलिए बुलाया है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री भगवंत मान के खिलाफ बोल रहे थे।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मान उनके खिलाफ राज्य मशीनरी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मजीठिया ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, 'यह केवल राजनीति है और राजनीति करना भगवंत मान की आदत बन गई है। वे दो साल से सो रहे हैं। मेरा अनुरोध है, अगर आपके पास कोई सबूत है तो उसे अदालत में पेश करें।'

उन्होंने पटियाला में संवाददाताओं से कहा, 'मेरी लड़ाई राज्य मशीनरी और राज्य सरकार के खिलाफ है जो अपने खिलाफ एक शब्द भी बोलने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करती है।'

मजीठिया पर चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान 20 दिसंबर, 2021 को स्वापक औषधि और मन:प्रभावी पदार्थ अधिनियम (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।

यह कार्रवाई मादक पदार्थ रोधी कार्यबल की 2018 की रिपोर्ट के आधार पर की गई। इस मामले को लेकर राज्य अपराध शाखा ने मोहाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी।

पिछले साल अगस्त में मादक पदार्थ मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद मजीठिया पटियाला जेल से बाहर आए थे। उन्हें पांच महीने से अधिक समय तक जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा कर दिया गया था।










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