जानिये.. पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों के शवों की किस तरह हुई शिनाख्त.. दर्द भरी कहानी

पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले के बाद कैसे हुई शवों की शिनाख्त। यह अपने आप में रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी है। डाइनामाइट न्यूज़ की विशेष रिपोर्ट ..

Updated : 16 February 2019, 1:42 PM IST
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नई दिल्ली: पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। हमले में शहीद हुए 40 जवानों की खबर सुन हर किसी की आंखें नम हो गई है। हर कोई नम आंखों से वीर जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है।

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पुलवामा में शहीद हुए जवानों के पार्थिव शरीर को आज उनके पैतृक आवास पर भेज दिया गया है। तिरंगे में लिपटे शव को देखकर हर किसी की आंखों से आंसू निकल पड़े। हमले की चपेट में आए जवानों के शरीर का वो हाल हो चुका है जिसे पहचान पाना मुश्किल है।

एसे हुई शवों की पहचान

लगभग 200 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल कर किए गए इस फिदायीन हमले के बाद शवों की हालत बेहद बुरी हो गई थी, कहीं हाथ पड़ा हुआ था तो कहीं शरीर का दूसरा भाग बिखरा हुआ था। जवानों के बैग कहीं और थे तो उनकी टोपियां कहीं और बिखरी हुई थी। ऐसे में शहीदों की पहचान करना काफी मुश्किल हो रहा था।

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शवों के पहचान की दर्दनाक कहानी

इनके पहचान की कहानी बेहद दर्दनाक है। कुछ जवान की पहचान उनके गले में लिपटी उनकी आईडी कार्ड से हो गई, कुछ जवान अपना पैन कार्ड साथ लेकर चल रहे थे इसके आधार पर उनकी शिनाख्त हो सकी, कई जवान घर जाने के लिए छुट्टी का आवेदन लिखकर आए थे, इस आवेदन को वह अपने बैग में या पॉकेट में रखे थे इसी के आधार पर उन्हें पहचाना जा सका।
इस भयानक विस्फोट में कई जवानों के बैग उनसे अलग हो गए थे। ऐसे में इनकी पहचान उनकी कलाइयों में बंधी घड़ियों से हुई। ये घड़ियां हमले में बचे उनके साथियों ने पहचानी। कई जवान अपने पॉकेट में पर्स लेकर चल रहे थे, जिससे उनकी पहचान हुई। इन तमाम कोशिशों के बाद भी कुछ शवों के पहचान में बेहद परेशानी हुई।

 

Published : 
  • 16 February 2019, 1:42 PM IST

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