

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा काशी को तीसरे बड़े प्रदूषण वाले शहर की सूची में रखने से यहां के लोगों में काफा आक्रोश है। प्रदूषण के कारण हो रही मौतों के विरोध ने युवाओं ने यहां सांकेतिक धरना दिया। पूरी खबर..
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा काशी को तीसरे बड़े प्रदूषण वाले शहर की सूची में रखने से यहां के लोगों में काफा आक्रोश है। प्रदूषण के कारण हो रही मौतों के विरोध ने युवाओं ने यहां सांकेतिक धरना दिया। पूरी खबर..
वाराणसी: वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन द्वारा बनारस को तीसरे बड़े प्रदूषित शहर का दर्जा दिये जाने से यहां के युवाओं में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है। युवाओं ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पर काशी के पर्यावरण को और अधिक प्रदूषित करने का आरोप लगाया और उसके क्षेत्रीय कार्यालय जवाहर नगर भेलूपुर में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया।
धरना दे रहे लोगों का कहना था कि प्रदूषण के कारण देश भर में लाखों लोगों की मौत होती हैं। पिछले 2 साल शहर का एयर पॉल्युशन लगातार बढ़ रहा है। इसके लिए शहर के लोगों में जागरूकता पैदा करनी जरूरी है। उनका कगना था कि प्रदूषण को रोकने के लिए जो संस्थाएं बनी है, वो निष्क्रिय हो गई है, उन्हें जागृत करने के लिए यह धरना दिया जा रहा है।
शहर में पीएम या पीएम 2.5 जैसे जहरीले तत्व बढ़ रहे हैं और धीरे धीरे ऑक्सीजन की मात्रा क्लाइमेट में कम हो रही है।
शहर के लोगों का कहना है कि बनारस प्रधानमंत्री का शहर होने के कारण यह सिटी हाई प्रोफाइल एरिया भी है। धरने में बैठे एक व्यक्ति ने बताया कि आज वह शव का प्रतीक बनकर बैठे हैं, क्योंकि प्रदूषण के कारण लगातार मौतें हो रही हैं, जिसका हम सांकेतिक विरोध कर रहे हैं
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