तोड़फोड़ और आगजनी के बाद चुड़ाचांदपुर में निषेधाज्ञा लागू, मोबाइल-इंटरनेट बंद, जानिये पूरा अपडेट

डीएन ब्यूरो

मणिपुर के चुड़ाचांदपुर में उग्र भीड़ द्वारा एक आयोजन स्थल पर तोड़फोड़ करने तथा उसे आगे लगाने के बाद निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

चुड़ाचांदपुर में निषेधाज्ञा आदेश लागू, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित
चुड़ाचांदपुर में निषेधाज्ञा आदेश लागू, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित


इंफाल: मणिपुर के चुड़ाचांदपुर में उग्र भीड़ द्वारा एक आयोजन स्थल पर तोड़फोड़ करने तथा उसे आगे लगाने के बाद निषेधाज्ञा आदेश लागू किया गया और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी है।

जिले के न्यू लमका में इस आयोजन स्थल पर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को शुक्रवार को एक कार्यक्रम में भाग लेना था।

चुड़ाचांदपुर के जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक से मिली रिपोर्ट के आधार पर आदिवासी बहुल जिले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्षेत्र में शांति भंग होने की आशंका है और लोगों के जीवन तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर खतरा है।

जिलाधिकारी के आदेश में कहा गया है कि निषेधाज्ञा आदेश कानून एवं व्यवस्था को लागू कराने में शामिल सरकारी एजेंसियों, आवश्यक सेवाओं तथा जिले के सद्भावना मंडप में जनसभा तथा खुले जिम के उद्घाटन में भाग ले रहे लोगों पर लागू नहीं होगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है, ‘‘सोशल मीडिया अफवाह फैलाने वालों के लिए एक हथियार बन गया है और इसका इस्तेमाल आम जनता को भड़काने में किया जा रहा है जिसका चुड़ाचांदपुर तथा फेरजॉल जिलों में कानून एवं व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर असर पड़ सकता है।’’

गृह विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है, ‘‘शांति एवं व्यवस्था को बाधित करने से रोकने के लिए चुड़ाचांदपुर और फेरजॉल जिलों में तत्काल प्रभाव से अगले पांच दिन तक मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेगी।’’

इससे पहले, चुड़ाचांदपुर के अतिरिक्त उपायुक्त एस थिनलालजॉय गांगते ने आयुक्त (गृह) को एक पत्र लिखकर सूचित किया, ‘‘इंडिजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने पूर्ण बंद का आह्वान किया है और सोशल मीडिया तथा नेटवर्किंग साइट के जरिए लोगों को इकट्ठा किए जाने की आशंका है जिससे चुड़ाचांदपुर जिले में गैरकानूनी गतिविधियां तथा अशांति बढ़ सकती है।’’

फोरम ने आरोप लगाया कि मणिपुर में आरक्षित वन क्षेत्रों से किसानों और अन्य आदिवासी निवासियों को निकालने के लिए चलाए जा रहे बेदखली अभियान के विरोध में बार-बार ज्ञापन सौंपे जाने के बावजूद, “सरकार ने लोगों की दुर्दशा को दूर करने की कोई इच्छा या मंशा होने के संकेत नहीं दिए हैं।”

गौरतलब है कि मणिपुर के चुड़ाचांदपुर जिले के न्यू लमका में भीड़ ने एक कार्यक्रम के आयोजन स्थल पर बृहस्पतिवार रात तोड़फोड़ और आगजनी की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सिंह भी शामिल होने वाले थे।

अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय पुलिस तुरंत हरकत में आ गई और भीड़ को तितर-बितर किया। हालांकि, तब तक आयोजन स्थल पर काफी तोड़फोड़ की जा चुकी थी।










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