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Constitution Day: संविधान दिवस पर PM मोदी बोले- मुंबई हमले के जख़्म भारत भूल नहीं सकता, आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की तारीख देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले से जुड़ी हुई है। 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था। पढिये, डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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Constitution Day: संविधान दिवस पर PM मोदी बोले- मुंबई हमले के जख़्म भारत भूल नहीं सकता, आतंक के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संविधान दिवस के मौके पर केवड़िया में जारी एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने मुंबई हमले में शहीद हुए लोगों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि हम भारत मुंबई हमले के जख्म कभी नहीं भूल सकते हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी है। 

80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्‍मेलन के समापन सत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की तारीख देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है। 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था। इस हमले में अनेक लोगों की मृत्यु हुई थी। अनेक देशों के लोग मारे गए थे।

पीएम मोदी ने कहा कि मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मुंबई हमले के जख़्म भारत भूल नहीं सकता। आज का भारत नई नीति-नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है।

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज देश संविधान दिवस मना रहा है और लोकतंत्र के पर्व के जश्न में डूबा है। उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा में न्यायपालिका की काफी बड़ी भूमिका है। 70 के दशक में इसे भंग करने की कोशिश की गई, लेकिन संविधान ने ही इसका जवाब दिया। इमरजेंसी के दौर के बाद सिस्टम मजबूत भी होता गया, उससे हमें काफी कुछ सीखने को मिला है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हर नागरिक को संविधान को समझना चाहिए और उसके हिसाब से चलना चाहिए। 

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन आज भारत की जरूरत है। देश में हर कुछ महीने में कहीं ना कहीं चुनाव हो रहे होते हैं। हमारे देश में पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक के चुनाव होते रहते हैं।  ऐसे में वन नेशन, वन इलेक्शन पर मंथन शुरू होना चाहिए।

पीएम मोदी ने कहा कि अब हमें पूरी तरह से डिजिटलकरण की ओर बढ़ना चाहिए और कागज के इस्तेमाल को बंद करना चाहिए। आजादी के 75 साल को देखते हुए हमें खुद टारगेट तय करना चाहिए।
 

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