महराजगंज: ठूठीबारी के लाल विजय की स्मृति में बना शहीद स्मारक उपेक्षा का शिकार
ठूठीबारी के गौरव रहे विजय की शहीद गाथा को आज भी जनपदवासी भुला नहीं पाए हैं लेकिन उनकी स्मृति में बना शहीद स्मारक जिम्मेदारों की लावरवाही के कारण उपेक्षा का शिकार हो गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
ठूठीबारी (महराजगंज): स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों समेत देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर शहीदों की स्मृति में बना जनपद का एक शहीद स्मारक जिम्मेदारों की घोर लापरवाही के कारण उपेक्षा का शिकार हो गया है। शहीद स्मारक के पास गंदगी और तमाम अव्यवस्थाएं सिस्टम पर कई सवाल खड़े कर रही है।
जनपद के ठूठीबारी निवासी विजय 6 अप्रैल 2010 को दंतेवाडा में शहीद हुए थे। ठूठीबारी के गौरव रहे विजय की शहीद गाथा को आज भी जनपदवासी भुला नहीं पाए हैं।
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डाइनामाइट न्यूज की टीम जब ग्राम सचिवालय के पास स्थित शहीद विजय स्मारक पहुंची तो यहां भारी खामियां उजागर हुईं।
नागरिकों ने बनाया मूत्रालय
शहीद स्मारक के पास स्थानीय नागरिकों ने मूत्रालय बना लिया है। आसपास फैली भारी गंदगी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की वीर गाथाओं को मुंह चिढ़ाती प्रतीत हो रही है।
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अंतररास्ट्रीय सीमा
ठूठीबारी पर शहीद स्मारक की उपयोगिता इसलिए बढ जाती है क्योंकि यह भारत-नेपाल की अंतररास्ट्रीय सीमा पर है। पर्यटकों की आवाजाही के कारण यह स्थान और भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में सवाल उठता है कि शहीद स्मारक की यह उपेक्षा पर्यटकों के मन में भारत की कैसी छवि प्रस्तुत करेगा, इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।