Modi in Kedarnath: पीएम मोदी ने केदारनाथ में किया शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण, संबोधन में कहीं ये बातें

डीएन संवाददाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को केदारनाथ पहुंचकर आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण किया और कई विकास परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इस खास मौके पर पीएम मोदी के संबोधन की कुछ खास बातें

केदारनाथ में पीएम मोदी
केदारनाथ में पीएम मोदी


केदारनाथ/देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरूवार को बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के लिये भगवान शिव के पावन धाम केदारनाथ पहुंचे। पीएम मोदी ने यहां बाबा केदार का रुद्राभिषेक किया और आदि गुरू शंकराचार्य की प्रतिमा का अनावरण भी किया। पीएम मोदी ने यहां के विकास कार्यों की समीक्षा के साथ ही कई नई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि 2013 में आयी तबाही के बाद केदारनाथ का गौरव फिर लौट आया है। मैं सौभाग्यशाली कि मुझे इस दिशा में सेवा करने का मौका मिला।

डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये केदारनाथ में केदारनाथ में पीएम मोदी के संबोधन के खुछ खास बातें। 

1) बरसों पहले जो नुकसान यहां हुआ था, वो अकल्पनीय था। जो लोग यहां आते थे, वो सोचते थे कि क्या ये हमारा केदार धाम फिर से उठ खड़ा होगा? लेकिन मेरे भीतर की आवाज कह रही थी की ये पहले से अधिक आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा।

2) इस आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। मैं इन पुनीत प्रयासों के लिए उत्तराखंड सरकार का, मुख्यमंत्री धामी जी का, और इन कामों की ज़िम्मेदारी उठाने वाले सभी लोगों का भी धन्यवाद करता हूँ।

3) शंकर का संस्कृत में अर्थ है- “शं करोति सः शंकरः” यानी, जो कल्याण करे, वही शंकर है। इस व्याकरण को भी आचार्य शंकर ने प्रत्यक्ष प्रमाणित कर दिया। उनका पूरा जीवन जितना असाधारण था, उतना ही वो जन-साधारण के कल्याण के लिए समर्पित थे।

4) एक समय था जब आध्यात्म को, धर्म को केवल रूढ़ियों से जोड़कर देखा जाने लगा था। लेकिन, भारतीय दर्शन तो मानव कल्याण की बात करता है, जीवन को पूर्णता के साथ, holistic way में देखता है। आदि शंकराचार्य जी ने समाज को इस सत्य से परिचित कराने का काम किया।

5) अभी दो दिन पहले ही अयोध्या में दीपोत्सव का भव्य आयोजन पूरी दुनिया ने देखा। भारत का प्राचीन सांस्कृतिक स्वरूप कैसा रहा होगा, आज हम इसकी कल्पना कर सकते हैं।

6) अब हमारी सांस्कृतिक विरासतों को, आस्था के केन्द्रों को उसी गौरवभाव से देखा जा रहा है, जैसा देखा जाना चाहिए। आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर पूरे गौरव के साथ बन रहा है, अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है।

7) अब देश अपने लिए बड़े लक्ष्य तय करता है, कठिन समय सीमाएं निर्धारित करता है, तो कुछ लोग कहते हैं कि - इतने कम समय में ये सब कैसे होगा! होगा भी या नहीं होगा! तब मैं कहता हूँ कि - समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं है।

8) यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है।

9) चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।

10) उत्तराखंड ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जिस तरह का अनुशासन दिखाया, वो भी बहुत सराहनीय है। भौगोलिक कठिनाइयों को पार कर आज उत्तराखंड ने, उत्तराखंड के लोगों ने 100 प्रतिशत सिंगल डोज़ का लक्ष्य हासिल कर लिया है। ये उत्तराखंड की ताकत है, सामर्थ्य है।










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