Health Bulletin: प्लाज्मा थेरेपी को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा- अभी इस पर..

केन्द्र सरकार ने कहा है प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अभी तक विश्व के अनेक देशों में शोध हो रहा है और अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई कि यह कोई ‘प्रूवन थेरेपी’ है तथा इस पर देश में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी अनुसंधान कर रहा है।

Updated : 28 April 2020, 6:51 PM IST
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नयी दिल्ली: केन्द्र सरकार ने कहा है प्लाज्मा थेरेपी को लेकर अभी तक विश्व के अनेक देशों में शोध हो रहा है और अभी तक यह पुष्टि नहीं हुई कि यह कोई ‘प्रूवन थेरेपीहै तथा इस पर देश में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) भी अनुसंधान कर रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल मंगलवार को यहां संवाददाताओं से कहा,“ कोरोना संक्रमितों के उपचार में इस थेरेपी पर काफी चर्चा हो रही है और विश्व के अनेक देशों में इस पर शोध जारी है तथा कहीं भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह कोरोना के लिए एक ‘प्रूवन थेरेपीहै। देश में भी इसका उपचार प्रायोगिक चरण में है और आईसीएमआर की तरफ से भी शोध किए जा रहे हैं और जब तक उनकी तरफ से इसकी पुष्टि नहीं हो जाती है तब तक यह प्रोयोगिक तौर पर ही होती रहेगी।

उन्होंने कहा कि इस थेरेपी को लेकर आईसीएमआर ने कई दिशा-निर्देश जारी किए हैं और उनके आधार पर ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की मंजूरी से इसका उपयोग किया जा सकता है लेकिन अभी यह दावा करने के पर्याप्त तौर पर कोई सबूत नहीं हैं कि इसका इस्तेमाल कोविड-19 के इलाज के तौर पर किया जा सकता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल अगर गाइडलाइन के मुताबिक नहीं किया गया तो मरीज के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है।

अग्रवाल ने स्पष्ट करते हुए कहा, “ जब तक आईसीएमआर इसकी प्रामाणिक तौर पर पुष्टि नहीं करता है तब तक इसका प्रायोगिक तौर पर ही इस्तेमाल हो सकता है लेकिन उपचार के तौर पर बिल्कुल भी नहीं होगा और बिना मंजूरी लिए यह अवैध होगा।

उन्होंने बताया कि सोमवार से अब तक कोरोना संक्रमण के 1543 नये मामले आने के बाद साथ देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 29,435 हो गई है। देश में कोरेाना के सक्रिय मामलों की संख्या 21632 है और पिछले 24 घंटों में कोरोना के 684 मरीजों के ठीक हुए हैं तथा 6,868 मरीज अब तक ठीक हो चुके हैं और इनकी रिकवरी दर 23.3 फीसदी है। (वार्ता)

Published : 
  • 28 April 2020, 6:51 PM IST