Uttarakhand: केदारनाथ से लौट से श्रद्धालुओं की जीप गंगा नदी में गिरी, तीन लोगों की मौत, तीन की तलाश जारी

डीएन ब्यूरो

टिहरी गढ़वाल जिले के मुनि की रेती क्षेत्र में रविवार तड़के केदारनाथ से लौट रही एक जीप भूस्खलन की चपेट में आकर अनियंत्रित होकर उफनाई गंगा में जा गिरी, जिससे उसमें सवार तीन श्रद्धालु डूब गए। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

उफनती गंगा नदी में गिरी जीप
उफनती गंगा नदी में गिरी जीप


ऋषिकेश/नयी टिहरी: टिहरी गढ़वाल जिले के मुनि की रेती क्षेत्र में रविवार तड़के केदारनाथ से लौट रही एक जीप भूस्खलन की चपेट में आकर अनियंत्रित होकर उफनाई गंगा में जा गिरी, जिससे उसमें सवार तीन श्रद्धालु डूब गए। 

पुलिस ने बताया कि हादसे में लापता तीन अन्य यात्रियों की तलाश के लिए नदी में गोताखोरों की मदद से खोज अभियान चलाया जा रहा है।

मुनि की रेती के थाना प्रभारी निरीक्षक रितेश साह ने बताया कि जीप ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर गुलर के पास मालकुंती पुल और होटल आनंद काशी के बीच दुर्घटना का शिकार हो गई। जीप में सवार पांच अन्य यात्रियों को जीवित बचा लिया गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

साह ने बताया कि रात में हुए भूस्खलन की चपेट में आकर जीप अनियंत्रित होकर गंगा में गिर गयी। ऋषिकेश जा रही इस जीप में चालक सहित 11 श्रद्धालु सवार थे।

उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर राज्य आपदा प्रतिवादन बल और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और राहत व बचाव अभियान शुरू किया।

घटना में घायल पांच यात्रियों को ऋषिकेश के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

राज्य आपदा प्रतिवादन बल के निरीक्षक कवींद्र सजवाण ने बताया कि नदी से तीन शवों को बरामद कर लिया गया है जबकि तीन अन्य की तलाश के लिए गोताखोरों की टीम अभियान चला रही है।

दुर्घटना का शिकार हुए लोग दिल्ली, बिहार तथा हैदराबाद के निवासी थे।

देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने तथा नदी-नालों में उफान के मद्देनजर सभी से सतर्कता बरतने का अनुरोध किया है।

उन्होंने कहा कि मौसम खराब होने तथा अतिवृष्टि से राज्य में भूस्खलन, मार्ग बंद होने की घटनाएं होती हैं तथा नदी-नाले उफान पर होते हैं जिसके मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों और आपदा प्रबंधन विभाग को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने राज्य में आने वाले श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि असुविधा से बचने के लिए वे मौसम की अद्यतन जानकारी लेने के बाद ही अपने कार्यक्रम बनाएं।










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