Face-off with China: शहीदों के अंतिम दर्शन को देश भर में उमड़ रही भीड़, नम आंखों से श्रद्धांजलि

लद्दाख सीमा पर चीन के साथ हुई हिसंक झड़प में शहीद हुए भारतीय सैनिकों के शव उनके घर पहुंच रहे हैं। इस मौके पर शहीदों के अंतिम दर्शन के लिये लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है। पढिये, पूरी खबर..

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 18 June 2020, 9:38 AM IST
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नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख सीमा पर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए संघर्ष के दौरान देश के लिये शहीद हुए 20 वीर जवानों का पार्थिव शरीर उनके घरों में पहुंच रहे हैं। इस मौके पर भारी संख्या में लोग शहीदों के अंतिम दर्शन के लिये पहुंच रहे हैं और नम आंखों से इन जाबाजों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है।  

शहीद कर्नल संतोष बाबू को तेलगांना में भारतीय सेना द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। इस मौके पर वहां का माहौल गमगीन हो गया। 

शहीद कर्नल संतोष बाबू के अंतिम दर्शन को उनके घर पर उमड़ी भीड़

तेलंगाना के रहने वाले शहीद कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीह जब उनके घर पहुंचा तो उनके अंतिम दर्शन के लिये वहां भारी भीड़ उमड़ पड़ी। वह 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे। चीन ने सबसे पहले उन पर ही हमला किया था। वह भारत की तरफ से सैनिकों का नेतृत्व भी कर रहे थे।

गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हुए भारतीय सेना के जवानों में पांच जवान बिहार के हैं। पटना जिले के बिहटा निवासी सुनील कुमार का पार्थिव शरीर बुधवार शाम विशेष विमान से पटना हवाईअड्डे लाया गया। शहीद हवलदार सुनील कुमार का अंतिम संस्कार यहीं होगा। उनको अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिये यहां लोगों की जबरदस्त भीड़ उमड़ पड़ी। सड़क के दोनों ओर भारी संख्या में लोग खड़े हैं।

पटियाला के रहने वाले नाइब सूबेदार मनदीप सिंह भी सीमा पर शहीद हुए। उनका पार्थिव शरीर जब घर पहुंचा तो मनदीप सिंह के दोस्त बोले, वह काफी बहादुरी से लड़कर शहीद हुआ है। उसका जाना हम भुला नहीं सकते, लेकिन हमें मनदीप पर गर्व।

बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के दिग्गज नेताओं ने भी शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी है और  इन जाबाजों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देने की बात कही। करीब चार दशक के बाद चीनी बॉर्डर पर सैनिकों ने पहली बार जान गंवाई है जिससे पूरे देश में गुस्सा और गम है।

चीन के साथ हुई हिंसक झड़प में देश के 20 सैनिक (नीचे की लिस्ट देखें) शहीद हुए हैं, जिनके नाम हमेशा स्वर्णाक्षरों में लिखा रहेगा। 

शहीदों के नाम और शहर  

1. कर्नल संतोष बाबू, हैदराबाद
2. सब. नुदूराम सोरेन, मयूरभंज
3. सब. मंदीप सिंह, पटियाला
4. सब. सतनाम सिंह, गुरदासपुर
5. हवलदार के. पलानी, मदुरै
6. हवलदार सुनील कुमार, पटना
7. हवलदार बिपुल रॉय, मेरठ
8. दीपक कुमार, रीवा
9. सिपाही राजेश ओरंग, बीरभूम
10. सिपाही कुंदन कुमार, साहिबगंज
11. सिपाही गणेश राम, कांकेर
12. सिपाही चंद्रकांत प्रधान, कंधामल
13. सिपाही अंकुश, हमीरपुर
14. सिपाही गुरबिंदर, संगरूर
15. सिपाही गुरतेज सिंह, मनसा
16. सिपाही चंदन कुमार, भोजपुर
17. सिपाही कुंदन कुमार, सहरसा
18. सिपाही अमन कुमार, समस्तीपुर
20. सिपाही गणेश हंसदा, ईस्ट सिंघभूमि

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