ओवैसी ने बिहार, प. बंगाल सरकारों पर हिंसा रोकने में विफल रहने का लगाया आरोप

डीएन ब्यूरो

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की जद(यू)-राजद सरकार और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर मंगलवार को आरोप लगाया कि वे हाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को रोकने में विफल रहीं।

हिंसा रोकने में विफल रहने का लगाया आरोप (फाइल)
हिंसा रोकने में विफल रहने का लगाया आरोप (फाइल)


हैदराबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार की जद(यू)-राजद सरकार और पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर मंगलवार को आरोप लगाया कि वे हाल में रामनवमी के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को रोकने में विफल रहीं।

ओवैसी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसी घटनाओं की आशंका के बारे में खुफिया रिपोर्ट मिलने के बावजूद वे हिंसा रोकने में विफल रहे।

हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘जहां कहीं भी हिंसा होती है, जिम्मेदारी संबंधित राज्य सरकारों की होती है। यह उनकी विफलता है कि वे हिंसा को रोकने में असमर्थ रहे।’’

ओवैसी ने कहा, ‘‘यह संबंधित राज्य सरकारों की विफलता है जो हिंसा को रोकने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में विफल रहीं। यह (उन) लोगों की पूर्व नियोजित साजिश है जो हिंसा में लिप्त हैं। यह राज्य सरकारों की विफलता है, चाहे वह पश्चिम बंगाल सरकार हो, चाहे वह बिहार सरकार हो, और चाहे वह कर्नाटक में इदरीस पाशा की ‘मॉब लिंचिंग’ हो...सरकार क्या कर रही थी?’’

रामनवमी के दौरान बिहार के नालंदा जिले के बिहारशरीफ और रोहतास जिले के सासाराम में हालिया सांप्रदायिक झड़पों पर ओवैसी ने इसे बिहार में 'नीतीश-तेजस्वी सरकार' की पूरी तरह से विफलता करार दिया।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) की हिंसा की आशंका संबंधी रिपोर्ट होने के बावजूद, वे हिंसा को रोकने में पूरी तरह से विफल रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी विफलता के कारण 100 साल पुराना एक मदरसा पूरी तरह से जल गया। 4,000 से अधिक किताबें और दुर्लभ पांडुलिपियां जल गईं। सबसे दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि बिहार के मुख्यमंत्री और राजद नेताओं के चेहरे पर कोई पछतावा नहीं है। मुख्यमंत्री कल इफ्तार पार्टी कर रहे थे। उन्हें (नीतीश कुमार) और उनके गठबंधन सहयोगी (तेजस्वी) को उन जगहों का दौरा करना चाहिए था। उन्हें देखना चाहिए था कि मस्जिद की एक 'मीनार' क्षतिग्रस्त हो गई है।’’

ओवैसी ने कहा, ‘‘उन्हें मुआवजे की घोषणा करनी चाहिए थी। उन्होंने निंदा नहीं की। उन्होंने (तेजस्वी यादव) केवल ट्वीट किया। यह पूरी तरह से विफलता है, हम इसकी निंदा करते हैं।’’

ओवैसी ने आरोप लगाया कि जिस तरह से बिहार में दंगे हुए, उससे नीतीश कुमार और राजद को मदद मिलेगी क्योंकि इससे मुसलमानों में असुरक्षा की भावना उत्पन्न होगी और दूसरी ओर यह बहुसंख्यक समुदाय में भाजपा के समर्थन को मजबूत करता है।

ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार, तेजस्वी और भाजपा (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह के बीच खेले जा रहे इस 'खेल' में, मुस्लिम और बिहार के लोग पीड़ित हैं।

ओवैसी ने आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार वर्षों से मुख्यमंत्री हैं और वह इस (हिंसा) को रोक नहीं पाए। ओवैसी ने कहा, ‘‘मैं नीतीश कुमार और राजद सरकार के व्यवहार की निंदा करता हूं कि आप मदरसा को जलने और मस्जिद पर हमले रोकने में पूरी तरह से विफल रहे हैं। बिहार में मुसलमानों की संपत्तियों को निशाना बनाकर जलाया गया।’’

ओवैसी के मुताबिक मुसलमानों की दुकानों को निशाना बनाया गया और साफ है कि इसके पीछे कोई साजिश है।

ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली राज्य सरकार जानती थी कि नालंदा एक संवेदनशील जिला है और उनके पास खुफिया रिपोर्ट थी कि वहां हिंसा होने वाली है। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘यह राज्य में हिंसा की घटनाओं को रोकने में सरकार की विफलता है।’’










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