महराजगंजः शिकायती पत्र गये अफसरों के कूडेदान में, भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस बना मजाक
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाये जाने की बात की जाती है लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण यह नीति जमीन पर उतरती नहीं दिख रही है। पूरा मामला जानने के लिए पढें डाइनामाइट न्यूज की ये खास रिपोर्ट
महराजगंज: सरकार द्वारा भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टोलरेंस की बात की जाती है लेकिन अफसरों की लापरवाही के कारण भ्रष्टाचार के मामले सामने आने के बाद भी कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। ऐसा ही मामला सदर तहसील क्षेत्र में सामने आया है। यहां भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामले की कई बार शिकायतें की गई कोई सुखद परिणाम सामने नहीं आया।
पनियरा की ग्राम सभा उस्का का मामला
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सदर तहसील क्षेत्र के विकास खण्ड पनियरा की ग्राम सभा उस्का के विकास कार्यों में हुए अनियमितता को लेकर क्षेत्र पंचायत सदस्य राजकुमार आजाद ने जिले के अफसरों से लेकर मुख्यमंत्री ऑफिस तक आवाज उठाई, लेकिन इंसाफ नहीं हुआ।
अधिकारियों के कूड़ेदान में गये पत्र
राजकुमार आजाद का दावा है कि उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला पंचायतराज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश शासन, मंडलायुक्त को मामले में शिकायती पत्र दिए। लेकिन राजकुमार के ये शिकायती पत्र अधिकारियों के कूड़ेदान में चले गये।
मुख्यमंत्री को भेजी शिकायतें
आजाद का कहना है कि अब उन्होंने स्पीड पोस्ट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ग्राम सभा की समस्याओं से अवगत कराया गया है और वहां हुए कार्यों में अनियमितता की शिकायतों से अवगत कराया है।
अधिकारियों के काटे कई चक्कर
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता से बातचीत में फरियादी राजकुमार आजाद पुत्र श्याम लाल निवासी ग्राम उस्का, पनियरा ने दावा किया कि ग्राम सभा उस्का में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ वे जिले से लेकर मंडल तक के अधिकारियों के चक्कर काट चुके हैं। लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
18 जनवरी से अनिश्चितकालीन धरना
उन्होंने कहा कि यदि मामले में कार्रवाई नहीं होती है तो वे 18 जनवरी से जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठेंगे।
इन कार्यों में लगाये भष्टाचार के आरोप
राजकुमार आजाद ने ग्राम सभा उस्का में अस्पताल की जमीन पर मनरेगा पार्क का निर्माण, इंटरलाकिंग उखाडकर आरसीसी सडक निर्माण में भ्रष्टाचार, पोखरी के आय व्यय का पता नहीं चलना, आधा अधूरा कार्य कर पूरा भुगतान लेना, शिक्षक होकर रोजगार सेवक का मानदेय लेने के मामलों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाये है। उन्होंने अधिकारियों से मामलों की जांच की मांग की है।