उ.कोरिया ने बातचीत के अमेरिकी आह्वान को खारिज किया

उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की बहन ने कूटनीतिक बातचीत के अमेरिकी आह्वान को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया तथा आगे और अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण करने का संकल्प जताया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 30 November 2023, 11:58 AM IST
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सियोल:  उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन की बहन ने कूटनीतिक बातचीत के अमेरिकी आह्वान को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया तथा आगे और अधिक उपग्रहों का प्रक्षेपण करने का संकल्प जताया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अमेरिका ने उत्तर कोरिया के हालिया जासूसी उपग्रह प्रक्षेपण को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का उल्लंघन बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की थी।

इस सप्ताह की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के दौरान अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने उत्तर कोरिया के उपग्रह प्रक्षेपण को “लापरवाहीपूर्ण और गैरकानूनी” कार्रवाई बताया था, जो उसके (उत्तर कोरिया के) पड़ोसियों के लिए खतरा है। हालांकि, उन्होंने बिना किसी पूर्व शर्त के बातचीत की अमेरिकी पेशकश को दोहराते हुए कहा कि उत्तर कोरिया ‘‘समय और विषय खुद चुन सकता है।’’

किम की बहन और वरिष्ठ अधिकारी, किम यो जोंग ने अमेरिकी प्रस्ताव को खारिज कर दिया तथा आगे और अधिक उपग्रह व अन्य हथियार प्रक्षेपित करने की धमकी दी।

देश के सरकारी मीडिया द्वारा जारी एक बयान में किम यो जोंग ने कहा, “एक स्वतंत्र देश की संप्रभुता कभी भी बातचीत के लिए 'एजेंडा आइटम' नहीं हो सकती है और इसलिए उत्तर कोरिया इस उद्देश्य के लिए कभी भी अमेरिका के साथ बातचीत के लिए नहीं बैठेगा।”

उन्होंने कहा, “उत्तर कोरिया अपने संप्रभु अधिकारों से संबंधित हर चीज को विकसित करने के प्रयास जारी रखेगा और भविष्य में भी प्रतिबंध के बिना संयुक्त राष्ट्र के सभी देशों को प्राप्त संप्रभु अधिकारों का सम्मानजनक तरीके से उपयोग जारी रखेगा।”

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्ताव उत्तर कोरिया को उपग्रह प्रक्षेपण और मिसाइल परीक्षण जैसी बैलिस्टिक तकनीक का उपयोग कर कोई भी प्रक्षेपण करने से प्रतिबंधित करते हैं। हालांकि, उत्तर कोरिया ने तर्क दिया कि उसे अमेरिका के सैन्य खतरों के निपटने के लिए जासूसी उपग्रहों को प्रक्षेपित करने और बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करने का संप्रभु अधिकार है।

 

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