Nidhi Tiwari: देवरिया की निधि तिवारी कैसे बनीं पीएम मोदी की निजी सचिव, जानिये पूरी कहानी

निधि तिवारी को प्रधानमंत्री का निजी सचिव बनाया गया है। निधि की यह सफलता न केवल देवरिया जनपद बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 1 April 2025, 5:17 PM IST
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देवरिया: उत्तर प्रदेश के देवरिया जनपद के गौरीबाजार नगर पंचायत की रहने वाली निधि तिवारी को सोमवार को सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव नियुक्त किया। निधि के इस पद पर पहुंचने से देवरिया समेत उत्तर प्रदेश में हर्ष की लहर है।

समूचे जनपद समेत गौरीबाजार क्षेत्र में निधि तिवारी की इस सफलता की चर्चा जोरों पर है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, निधि तिवारी गौरीबाजार नगर पंचायत के सिनेमा रोड के निवासी सिद्धार्थ जायसवाल की पत्नी हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण देवरिया जनपद के इस क्षेत्र में हुआ।

2006 में सिद्धार्थ जायसवाल से शादी करने के बाद, निधि ने अपनी शिक्षा और करियर पर विशेष ध्यान केंद्रित किया। 2013 में उन्हें भारतीय विदेश सेवा (IFS) में 96वीं रैंक से चयनित किया गया था, जिससे उनका करियर और भी उज्जवल हो गया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निजी सचिव बनने की सूचना मिलते ही उनके परिवार और गौरीबाजार इलाके में खुशी की लहर दौड़ पड़ी। स्थानीय निवासियों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। यह नियुक्ति न केवल निधि के व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम है, बल्कि यह उनके पूरे परिवार की मेहनत और समर्पण को भी दर्शाता है।

उनके पति, सिद्धार्थ जायसवाल, इस समय वाराणसी में अपना निजी अस्पताल चला रहे हैं और उन्होंने हमेशा अपनी पत्नी के सपनों को साकार करने में उनका पूरा समर्थन किया।

निधि तिवारी का यह सफर उनके लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने अपनी शिक्षा, कार्यक्षमता और संघर्ष से यह साबित कर दिया है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत, समर्पण और सही दिशा में कार्य करना आवश्यक है। 

कौन हैं निधि तिवारी?

भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी निधि तिवारी को 6 जनवरी 2023 से प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में उप सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है। निधि तिवारी 2022 में अवर सचिव के रूप में PMO में शामिल हुई थीं। 

UPSC की परीक्षा की तैयारी से पहले, निधि ने वाराणसी में सहायक आयुक्त (वाणिज्यिक कर) के रूप में कार्य किया था। उनकी यह सफलता देश की सेवा में योगदान देने के लिए एक प्रेरणा है।

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