एनआईए ने नकली भारतीय मुद्रा से जुड़े गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए कई स्थानों पर की छापेमारी
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने नकली भारतीय मुद्रा तैयार करने और फिर इसे प्रसारित करने में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए शनिवार को चार राज्यों में छापेमारी की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने नकली भारतीय मुद्रा तैयार करने और फिर इसे प्रसारित करने में शामिल गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए शनिवार को चार राज्यों में छापेमारी की। इस दौरान नकली मुद्रा, उसकी छपाई के कागज और डिजिटल यंत्र जब्त किए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि यह छापेमारी 24 नवंबर को दर्ज किये गये एक मामले में एनआईए की जांच का हिस्सा है। यह मामला सीमा पार से नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी और भारत में इसे खपाने के लिए संदिग्ध व्यक्तियों द्वारा रची गई एक बड़ी साजिश से संबंधित है।
एनआईए की टीम ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में आरोपी राहुल तानाजी पाटिल उर्फ ‘‘जावेद’’, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में विवेक ठाकुर उर्फ ‘‘आदित्य सिंह’’ और कर्नाटक के बल्लारी जिले में महेंद्र से जुड़े कई परिसर की तलाशी ली।
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अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में संदिग्ध शिवा पाटिल उर्फ ‘‘भीमरव’’ और बिहार के रोहतास जिले में शशि भूषण से जुड़े कई परिसर पर भी छापेमारी की गई।
प्रवक्ता ने बताया कि तलाशी में ठाकुर के घर से भारतीय मुद्रा की छपाई के लिए इस्तेमाल होने वाले कागज के साथ 6,600 रुपये (500 रुपये, 200 रुपये और 100 रुपये) मूल्य की नकली भारतीय मुद्रा जब्त की गई।
ठाकुर, पाटिल और अन्य के साथ मिलकर सीमावर्ती देशों से नकली मुद्रा और इसकी छपाई से जुड़े सामान खरीदते थे। अधिकारी ने बताया कि नकली मुद्रा पूरे भारत में खपा दी गई थी।
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प्रवक्ता ने बताया कि एनआईए की जांच से पता चला है कि पाटिल नकली मुद्रा की आपूर्ति करने का वादा करके भुगतान लेने के लिए धोखाधड़ी से प्राप्त सिम कार्ड का उपयोग कर रहा था। अधिकारी ने बताया कि महेंद्र के घर की तलाशी में नकली भारतीय मुद्रा छापने वाला एक प्रिंटर जब्त किया गया।