कोविड-19 के प्रभावों को लेकर नया अध्ययन आया सामने, अनुमस्तिष्क के लिए सबसे ज्यादा घातक
एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि मानव मस्तिष्क का अनुमस्तिष्क (सेरिबेलम) भाग कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि मानव मस्तिष्क का अनुमस्तिष्क (सेरिबेलम) भाग कोरोना वायरस संक्रमण के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकता है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार कनाडा स्थित रॉटमैन रिसर्च इंस्टीट्यूट और सनीब्रुक हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन के लिए अत्याधुनिक ‘कोरिलेटेड डिफ्यूजन इमेजिंग (सीडीआई)’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने पाया कि कोरोना वायरस संक्रमण मस्तिष्क में बदलाव का कारण बन सकता है।
सीडीआई एक नयी तरह की एमआरआई जांच है, जो एमआरआई सिग्नल को अलग-अलग तीव्रता और समयावधि वाले ‘ग्रेडिएंट पल्स’ पर कैद कर तथा उन्हें आपस में मिलाकर ऊतकों में पानी के अणुओं की गतिविधियों के बीच अंतर को ज्यादा स्पष्ट रूप से दर्शा सकती है।
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कनाडा स्थित वॉटरलू विश्वविद्यालय के सिस्टम्स डिजाइन इंजीनियर प्रोफेसर एलेक्जैंडर वॉन्ग ने कैंसर की पहचान के लिए बेहतर इमेजिंग प्रणाली विकसित करने की कोशिशों के तहत सीडीआई का आविष्कार किया था।
अध्ययन के दौरान लिए गए सीडीआई चित्रों में कोविड-19 से पीड़ित मरीजों के मस्तिष्क के प्रमस्तिष्क (सेरिब्रम) भाग में पानी की अणुओं की ज्यादा सीमित गतिविधियां नहीं दिखीं, जबकि उनके अनुमस्तिष्क हिस्से में इन अणुओं की गतिविधियां बेहद सीमित हो गई थीं।
वॉन्ग ने कहा, “कुछ लोगों को लगता होगा कि कोविड-19 सिर्फ फेफड़ों को प्रभावित करता है। लेकिन नयी एमआरआई तकनीक से किए गए अध्ययन में हमने पाया कि इस संक्रमण से मस्तिष्क के प्रमस्तिष्क भाग में ‘व्हाइट मैटर’ के स्तर में भी बदलाव आता है।”
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इस अध्ययन के नतीजे ‘ह्यूमन ब्रेन मैपिंग’ पत्रिका के हालिया अंक में प्रकाशित किए गए हैं।