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NDLS Stampede: रेलवे स्टेशन भगदड़ और मौतों का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग, जानिये घटना से जुड़े बड़े अपडेट

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को हुई भगदड़ और मौतों का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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NDLS Stampede: रेलवे स्टेशन भगदड़ और मौतों का मामला पहुंचा मानवाधिकार आयोग, जानिये घटना से जुड़े बड़े अपडेट

नई दिल्ली: प्रयागराज महाकुंभ जाने के लिये नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात उमड़ी भारी भीड़ के बीच मची में भगदड़ 18 लोगों की मौत हो गई। हादसे में कई लोगों  लोग घायल हो गए। भगदड़ की इस भयावह घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। व्यवस्थाओं को लेकर सरकार और रेलवे प्रशासन पर भी सवाल उठ रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ और मौतों का यह मामला अब मानवाधिकार आयोग पहुंच गया है। 

मानवाधिकार क्षेत्र में कार्य करने वाली सामाजिक संस्था  भारतीय ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव फॉर मार्जिन्लाइज्ड (BHIM) से जुड़े ओम प्रकाश व्यास ने भगदड़ की इस घटना की जांच की मांग की है और घटना में मृतकों को 15 लाख रूपये मुआवजा देने की मांग की गई है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ओम प्रकाश व्यास ने मानवाधिकार आयोग के पास दर्ज अपनी शिकायत में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में बिहार की भागलपुर निवासी सोनी की मौत का भी जिक्र किया है। 

उन्होंने मानवाधिकार आयोग को लिखे पत्र में ओम प्रकाश व्यास ने कहा है कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ और मौत की घटना पवित्र महाकुंभ मेले में जाने वाले हिंदू तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की घोर विफलता को उजागर करती है।

उन्होंने कहा कि यह घटना प्रयागराज महाकुंभ के लिये धार्मिक यात्रा करने वाले भक्तों की बड़ी संख्या जानने के बावजूद भी उचित सुरक्षा और प्रशासनिक योजनाओं मे लापरवाही बरतने का नतीजा है, जो गंभीर चिंता पैदा करता है।

ओम प्रकाश ने अपने पत्र में पांच बड़े मुद्दे उठाये हैं। उन्होंने इस घटना की स्वतंत्र जांच करने और प्रशासनिक स्तर पर बरती गई लापरवाही की जांच की मांग की है।

इसके साथ ही उन्होंने मृतकों के पीड़ित परिजनों को 15 लाख का मुआवजा देने, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक मजबूत क्राउड मैनेजमेंट नीति तैयार करने, अधिकारियों की जवाबदेही तय करने समेत रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी करने की मांग की गई है।

उन्होंने दोषी रेलवे कर्मचारियों, जीआरपी कर्मियों और उनके पर्यवेक्षी अधिकारियों के खिलाफ की गई कानूनी और विभागीय कार्रवाई का विवरण प्रस्तुत करने को कहा गया है।

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