Lok Sabha Poll: मोदी सरकार 2.0 में NDA की दिल्ली में सबसे बड़ी बैठक, जानिये कितने दल और कौन नेता हैं शामिल, पढ़ें ये बड़े अपडेट

डीएन ब्यूरो

भाजपा अध्यक्ष जे पी अड्डा ने बताया कि लंबे अरसे बाद हो रही राजग की बैठक में 38 दल ने शामिल होने की पुष्टि की है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष समेत कई नेता बैठक में मोजूद
पीएम मोदी, भाजपा अध्यक्ष समेत कई नेता बैठक में मोजूद


नयी दिल्ली: चिराग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), ओ पी राजभर के नेतृत्व वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) सहित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कई नये सहयोगी दल मंगलवार को यहां राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होंगे।

भाजपा अध्यक्ष जे पी अड्डा ने बताया कि लंबे अरसे बाद हो रही राजग की बैठक में 38 दल ने शामिल होने की पुष्टि की है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद रहेंगे।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के दौरान यह राजग की इस स्तर की पहली बैठक होगी। यह बैठक ऐसे समय में गठबंधन करने की भाजपा की क्षमता को दिखाने पर पार्टी का ध्यान केंद्रित होने की बात को रेखांकित करती है, जब विपक्षी दल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले एकजुट होने के लिए बैठक कर रहे हैं।

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।

नड्डा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाले राजग में शामिल होने का फैसला किया है। मैं राजग परिवार में उनका स्वागत करता हूं।'

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट, उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनता दल (आरएलजेडी) और पवन कल्याण के नेतृत्व वाली जन सेना के राजग की बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।

इनमें से कुछ दलों ने पहले भी भाजपा के साथ साझेदारी की थी।

नड्डा ने यहां संवाददाताओं से कहा, “38 दलों ने मंगलवार शाम को होने वाली राजग की बैठक में शामिल होने की पुष्टि की है।”

जनता दल (यूनाइटेड), उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अकाली दल जैसे अपने कई पारंपरिक सहयोगियों को खोने के बाद, भाजपा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, राकांपा के अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट, उत्तर प्रदेश में ओ पी राजभर के नेतृत्व वाली सुभासपा, जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाले हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) और आरएलजेडी के साथ गठबंधन करने में सफल रही है।

भाजपा अध्यक्ष ने इन दलों को बैठक में हिस्सा लेने का निमंत्रण भेजा है, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी और सत्तारूढ़ दल के अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहेंगे।

राकांपा नेता प्रफुल्ल पटेल ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “मैं और अजित पवार और कल दिल्ली में राजग की बैठक में शामिल होंगे।”

जन सेना के नेता पवन कल्याण और आरएलजेडी नेता कुशवाहा ने कहा है कि वे राजग की बैठक में हिस्सा लेंगे।

तमिलनाडु की अन्नाद्रमुक (अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम) और पूर्वोत्तर राज्यों तथा देश के अन्य हिस्सों के कई दल भी बैठक में मौजूद रहेंगे।

उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों की कई सीट पर क्षेत्रीय दलों का किसी विशेष क्षेत्र या जाति में खासा प्रभाव माना जाता है। इन दोनों राज्यों में लोकसभा की 120 सीट हैं।

लोकसभा में लगातार तीसरी बार बहुमत हासिल करने के लिए भाजपा ने जहां नये सहयोगियों को समायोजित करने का प्रयास किया है, वहीं महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्यों में विपक्षी गुट को कमजोर करने का भी काम किया है।

कांग्रेस ने सोमवार को कहा था कि विपक्षी एकता भारतीय राजनीतिक परिदृश्य के लिए ‘पासा पलटने वाली’ साबित होगी। भाजपा पर निशाना साधते हुए उसने कहा था कि जो लोग विपक्षी दलों को अकेले हराने की बात करते थे, वे अब ‘भूत’ बन चुके राजग में नयी जान फूंकने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था, ‘‘राजग में नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है। राजग के बारे में कोई बात नहीं होती थी और अचानक पिछले कुछ दिनों से हम इसके बारे में सुन और पढ़ रहे हैं। अचानक, यह बताया गया कि कल राजग की बैठक बुलाई गई है। इसलिए राजग, जो भूत बन गया था, अब इसमें एक नयी जान फूंकने की कोशिश की जा रही है।’’










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