Mumbai: संजय राउत ने राहुल नार्वेकर पर लगाया आरोप, हत्यारे को पनाह देने वाले व्यक्ति की तरह बर्ताव कर रहे है

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह ऐसे व्यक्ति की तरह बर्ताव कर रहे हैं, जो एक हत्यारे को शरण देता है, ताकि उसे ऐसे और अपराध करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 14 October 2023, 3:15 PM IST
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मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने शनिवार को महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह ऐसे व्यक्ति की तरह बर्ताव कर रहे हैं, जो एक हत्यारे को शरण देता है, ताकि उसे ऐसे और अपराध करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

उनकी यह टिप्पणी तब आई है, जब एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय ने शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता याचिकाओं पर फैसला लेने में देरी को लेकर नार्वेकर को आड़े हाथ लिया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राउत ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अध्यक्ष ऐसे व्यक्ति की तरह काम कर रहे हैं, जो एक हत्यारे को शरण दे रहा है, ताकि उसे ऐसे और अपराध करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। क्या वह कानून नहीं जानते?’’

शिवसेना (यूबीटी) सांसद ने विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ उच्चतम न्यायालय की कड़ी टिप्पणियों के संदर्भ में कहा कि शीर्ष अदालत ने कभी ऐसा रुख नहीं अपनाया था, जैसा कि उसने शुक्रवार को अपनाया।

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष के अलावा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी सरकार पर महाराष्ट्र की छवि खराब करने का आरोप लगाया।

शिंदे और उनके वफादार शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता संबंधी याचिकाओं पर निर्णय करने में हो रही देरी पर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि (अयोग्य ठहराए जाने की) कार्यवाही ‘पहेली’ नहीं बन सकती है और वह शीर्ष अदालत के आदेश को विफल नहीं कर सकते हैं।

प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्र की पीठ ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की पैरवी करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा था कि इस मुद्दे पर कब तक निर्णय किया जाएगा, इस बारे में वह उसे मंगलवार तक अवगत कराएं।

पीठ ने यह भी कहा था कि यदि वह संतुष्ट नहीं हुई तो ‘बाध्यकारी आदेश’ सुनाएगी।

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