मुकरोह हिंसा को लेकर ये बड़ा अपडेट, मेघालय सरकार पर लगाा ये बड़ा आरोप, जानिये पूरा मामला
मेघालय सरकार मुकरोह हिंसा की जांच कर रहे असम के जांच आयोग के समक्ष गवाह और दस्तावेज पेश करने में विफल रही। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
शिलांग: मेघालय सरकार मुकरोह हिंसा की जांच कर रहे असम के जांच आयोग के समक्ष गवाह और दस्तावेज पेश करने में विफल रही। अधिकारियों ने बुधवार को यहां यह जानकारी दी।
पिछले साल नवंबर में हुई मुकरोह हिंसा में छह लोगों की मौत हो गई थी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारियों के मुताबिक, यहां असम भवन में न्यायमूर्ति(सेवानिवृत) रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता वाले एक सदस्यीय आयोग की सुनवाई के दौरान किसी के पेश नहीं होने के बाद कार्यवादी को बंद कर दिया गया।
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एक अधिकारी ने बताया, ''गहरी चिंता के साथ आयोग ने मेघालय में कार्यवाही (सुनवाई) को बंद कर दिया है और वापस गुवाहाटी लौट आया है। सुनवाई के लिए कोई नहीं पहुंचा, और तो और सरकार के अधिकारियों ने भी उसके समक्ष बयान दर्ज नहीं कराए।''
उन्होंने बताया कि आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए यहां आया था कि जिन लोगों के पास हिंसा से जुड़े दस्तावेज और सबूत हैं वे उसे उसके समक्ष पेश कर सकें।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार को भी अधिसूचित किया गया था और आयोग ने प्रासंगिक गवाहों को पेश करने के लिए सरकार से सहयोग का अनुरोध किया था।
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उन्होंने बताया कि पश्चिम खासी जयंतिया हिल्स जिले के उपायुक्त को गवाहों को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए नोटिस जारी करने का भी निर्देश दिया गया था लेकिन इस निर्देश का पालन किया गया या नहीं इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
असम के एक वन रक्षक और मुकरोह के पांच लोगों की पिछले साल 22 नवंबर को विवादित सीमा के पास हिंसा में मौत हो गई थी। दरअसल पड़ोसी राज्य असम के वनकर्मी ने अवैध रूप ले जाई जा रही लकड़ियों से लदे एक ट्रक को कथित रूप से पकड़ लिया था, जिसके बाद हिंसा भड़क गई थी।