ममता बनर्जी का आया बड़ा बयान, हम ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा से असहमत

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा पर असहमति जताते हुए बृहस्पतिवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखकर कहा कि यह भारत के संवैधानिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ होगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Updated : 11 January 2024, 4:41 PM IST
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नयी दिल्ली:  तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने लोकसभा व विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की अवधारणा पर असहमति जताते हुए बृहस्पतिवार को 'एक देश, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखकर कहा कि यह भारत के संवैधानिक बुनियादी ढांचे के खिलाफ होगा।

समिति के सचिव को लिखे पत्र में ममता ने कहा कि 1952 में केंद्र और राज्य स्तर पर एक साथ पहली बार आम चुनाव कराए गए थे।

उन्होंने कहा, ''कुछ वर्षों तक इस तरह से चला लेकिन बाद में यह प्रक्रिया टूट गई।''

उन्होंने पत्र में लिखा, ''मुझे खेद है कि मैं आपके द्वारा तैयार 'एक देश, एक चुनाव' की अवधारणा से सहमत नहीं हूं। हम आपके सूत्रीकरण और प्रस्ताव से असहमत हैं।''

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा, ''शासन की 'वेस्टमिंस्टर' प्रणाली में संघ और राज्य चुनाव एक साथ न होना एक बुनियादी विशेषता है, जिसे बदला नहीं जाना चाहिए। संक्षेप में कहें तो एक साथ चुनाव नहीं होना भारतीय संवैधानिक व्यवस्था की मूल संरचना का हिस्सा है।''

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर अपनी-अपनी राय रखने के लिए एक पत्र लिखा था।

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